नई दिल्ली। फॉक्सवैगन में इमेशन स्कैंडल का धुआं और गहराता जा रहा है। फॉक्सवैगन (VW) ने गुरुवार को अपनी 389 पोलो कार को रिकॉल किया है। रिकॉल की गईं सभी कारें इसी साल सितंबर में बनी हुई हैं। कंपनी ने कहा है कि इन कारों के हैंडब्रेक में खराबी है और कुछ परिस्थितियों में यह काम करना बंद कर सकते हैं। कंपनी ने कहा है कि डीलर खुद ग्राहकों से संपर्क कर इन कारों को मुफ्त में दुरुस्त करेंगे।
इससे पहले कंपनी ने बुधवार को भारत में अपने सभी डीलर्स को पत्र लिखकर लोकप्रिय हैचबैक कार Polo (सभी संस्करण) की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए कहा था। हालांकि कंपनी ने इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया है। सूत्रों ने हालांकि कहा कि कंपनी के इस कदम का उत्सर्जन घोटाले से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि यह किसी अन्य तकनीकी मुद्दे के कारण उठाया गया है। इतना ही नहीं इस स्कैंडल के कई दुष्परिणाम हुए हैं, जिनका खामियाजा एक देश, एक कंपनी, ब्रांड और कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। एक फॉक्सवैगन स्कैंडल के पांच दुष्परिणामों पर डालते हैं एक नजर।
भारत में पोलो की बिक्री पर रोक
बुधवार को फॉक्सवैगन इंडिया ने पोलो के डायरेक्ट बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लागा दी है। फॉक्सवैगन इंडिया के दो बड़े अधिकारियों ने डीलर्स को चिट्ठी लिखकर पोलो की डिलीवरी पर रोक लगाने को कहा है। हालांकि कंपनी ने कहा है कि पोलो की बिक्री और प्रदूषण छिपाने वाले सॉफ्टवेयर विवाद का कोई लेनादेना नहीं है।
सीईओ की गलती का खामियाजा भरेंगे कर्मचारी
मुश्किलों से घिरी दिग्गज कार कंपनी फॉक्सवैगन के नए सीईओ ने बिक्री घटने और बढ़ते खर्च की वजह से कर्मचारियों की छंटनी के संकेत भी दिए हैं। पूर्व सीईओ मार्टिन विंटरकोर्न ने कंपनी में घोटाले के मद्देनजर अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद मैथियास म्यूलर को सीईओ बनाया गया था। म्यूलर ने कहा कि वोल्फ्सबर्ग स्थित फॉक्सवैगन के मुख्यालय में करीब 20,000 कर्मचारी हैं और उनकी नौकरी बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन फॉक्सवैगन की मुश्किल बहुत बड़ी है और इससे पार पाना आसान नहीं है। इसलिए कंपनी कठोर कदम उठा सकती है।
सात साल के निचले स्तर पर प्लैटीनम
फॉक्सवैगन में हुए स्कैंडल के चलते ग्लोबल मार्केट में प्लैटिनम की कीमतें 900 डॉलर प्रति औंस के नीचे फिसल गई है, जो कि 2008 के बाद का निचला स्तर है। दरअसल प्लैटिनम का करीब 40 फीसदी इस्तेमाल ऑटो सेक्टर में होता है। फॉक्सवैगन स्कैंडल की खबर 22 सितंबर को सामने आई थी, तब से लेकर शुक्रवार तक प्लैटिनम की कीमतों में 7.50 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। घरेलू बाजार की बात करे तो सोने के मुकाबले प्लैटिनम काफी सस्ता मिल रहा है। 10 ग्राम प्लैटिनम की कीमत 25,000 रुपए के आसपास है। वहीं बुधवार को दिल्ली में सोना 26,850 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव बिका।
कंपनी को आर्थिक नुकसान
बुधवार को फॉक्सवैगन के नए सीईओ मैथियास म्यूलर ने कहा कि जिन डीजल कारों में प्रदूषण छिपाने वाले सॉफ्टवेयर लगे हैं, उनको कंपनी जनवरी में रिकॉल करने की तैयारी कर रही है। वहीं दुनियाभर में 1.1 करोड़ कारों में यह सॉफ्टवेयर को अगले साल के अंत तक बदल दिया जाएगा। एक्सपर्ट्स मानते है कि इतनी बड़ी संख्या में कारों को रिकॉल कर उनको सही करना कंपनी के लिए बेहद खर्चीला होगा। इतना ही नहीं कंपनी ने अपनी इमेज ब्रांडिंग के लिए विज्ञापन पर भी एक बड़ी राशि खर्च करने की योजना बनाई है।
धूमिल हुई कंपनी की छवि
दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड कंसल्टिंग ग्रुप इंटरब्रांड के मोस्ट वैल्यूएबल ब्रांड 2015 लिस्ट में फॉक्सवैगन 31वें स्थान से फिसलकर 35वें स्थान पर आ गया गया है। वहीं कंपनी की ब्रांड वैल्यू पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी घटकर 12.55 अरब डॉलर रह गई है। पिछले साल कंपनी की ग्रोथ 23 फीसदी थी। इस स्कैंडल की वजह से कंपनी की बिक्री भी घटी है।