नई दिल्ली। भारत सरकार ने जर्मन ऑटो कंपनी फॉक्सवैगन के उत्सर्जन संबंधी जांच में धोखाधड़ी को बहुत सोच समझकर किया गया अपराध बताया है। सरकार ने बुधवार को कहा कि भारत में इस कंपनी की सभी डीजल यात्री वाहनों की अगले छह महीने में जांच की जाएगी ताकि यह देखा जा सके कि वे नियमों का पालन करते हैं या नहीं। जर्मनी के फॉक्सवैगन समूह ने मंगलवार को ऑडी, स्कोडा व फॉक्सवैगन ब्रांड के 3,23,700 वाहनों को ठीक करने के लिए बाजार से वापस लेने की घोषणा की थी। कंपनी ने यह कदम सरकारी जांच के बाद उठाया है। इस जांच में पाया गया कि फॉक्सवैगन समूह एक ऐसे डीजल इंजन का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें उत्सर्जन जांच में धोखाधड़ी करने वाला सॉफ्टवेयर लगा है।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि यह उल्लंघन तब सामने आया, जब सड़क पर चल रहे वाहनों की जांच की गई। यह पूरा सोचा समझा अपराध है। उन्होंने कहा कि एआरएआई ने पाया कि फॉक्सवैगन ने भारत में उत्सर्जन नियमों का मौजूदा स्तर से 8-9 गुना तक उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इस मामले को सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को भेज रहा है ताकि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
उत्सर्जन नियमों का उल्लंघन नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगले छह महीने में हम देश में सभी डीजल यात्री वाहनों के उत्सर्जन स्तर की जांच करेंगे। अतिरिक्त सचिव अंबुज शर्मा ने कहा कि इसी महीने के आखिर से हम देश में सभी डीजल वाहनों की जांच शुरू करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि वे उत्सर्जन नियमों का पालन करते हैं या नहीं। एआरएआई द्वारा डीजल यात्री वाहनों की जांच की प्रक्रिया छह महीने में पूरी कर ली जाएगी। क्या फॉक्सवैगन के खिलाफ जुर्माना या कार्रवाई का कदम उठाया जाएगा यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सड़क व परिवहन मंत्रालय इस बारे में कुछ ही दिन में फैसला करेगा।