बर्लिन। फॉक्सवैगन और इसकी पोर्शे इकाई ने कहा कि पेडल प्रणाली में समस्या की आशंका के मद्देनजर करीब आठ लाख टूरेग और कैयेन वापस बुलाई जा रही हैं। फॉक्सवैगन ने कहा कि कंपनी ने आंतरिक जांच में पाया कि पेडल प्रणाली में कुछ दिक्कत है। ये वाहन 2011-2016 के बीच आए माडल के होंगे। फॉक्सवैगन ने कहा कि वह कार के मालिकों से संपर्क करेगी और जल्द से जल्द इसकी जांच करेगी जिसमें एक-एक घंटे से भी कम वक्त लगेगा। गौरतलब है कि फॉक्सवैगन डीजल उत्सर्जन से जुड़े घोटाले में पहले से ही उलझी हुई है।
फोक्सवैगन पर 646 करोड़ का जुर्माना
फोक्सवैगन एक बार फिर मुश्किल में फंसती दिख रही है। इस बार प्रदूषण के चलते नहीं बल्कि अब कार की कम कीमत दिखाकर एक्साइज ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगा है। कंपनी पर सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट ने फोक्सवैगन की 3 फर्म पर कारों की कम कीमत दिखाकर 323 करोड़ की ड्यूटी चोरी का आरोप लगा है। पुणे के प्रिंसिपल कमिश्नर के ऑर्डर के मुताबिक ये कारें जनवरी 2010 से दिसंबर 2014 के बीच बेची गई थी। इन फर्म पर इतनी ही रकम की पेनल्टी भी लगाई गई है। इस तरह से कुल जुर्माना 646 करोड़ का बनता है। ये तीन फर्म है फोक्सवैगन इंडिया, स्कोडा ऑटो औरंगाबाद और फोक्सवैगन सेल्स इंडिया है।
पहले ही घिरी है कंपनी
पिछले साल सरकार ने फोक्सवैगन को प्रदूषण के मानकों का पालन न करने पर कारण बताओ नोटिस दिया था। ये नोटिस डीजल कारों के मॉडलों के लिए था। कंपनी के यूरोप और अमेरिका के वो ही इंजन भारतीय कारों में भी लगे हैं जिनके चलते वहां कार्रवाई हो रही है। अमेरिकी एजेंसी के मुताबिक फोक्सवैगन ने करीब 1.1 करोड़ वाहनों में प्रदूषण मानकों से छेड़छाड़ की है।