नई दिल्ली। ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने आइडिया सेल्युलर के साथ प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में 1 अरब यूरो (लगभग 8,000 करोड़ रुपए) का निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का आपस में विलय इस माह के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
ब्रिटिश टेलीकॉम ऑपरेटर को यदि भारत में अतिरिक्त निवेश करने की आवश्यकता हुई तो वह इंडस टॉवर्स में अपनी हिस्सेदारी को बेचने पर विचार करेगी। आदित्य बिड़ला ग्रुप ने प्रस्तावित विलय के बाद बनने वाली इकाई वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में अतिरिक्त निवेश करने का फैसला किया है।
आइडिया ने जनवरी 2018 में इक्विटी से 0.8 अरब यूरो जुटाए हैं, विलय पूरा होने पर वोडाफोन ग्रुप को भी इतनी ही राशि देनी होगी। वोडाफोन चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर निक रीड ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में शुद्ध पूंजी निवेश 1 अरब यूरो के आसपास होगा। वोडाफोन और आइडिया का विलय अब अंतिम चरण में है और उसे सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है। नई इकाई में ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की हिस्सेदारी 47.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। विलय के बाद बनने वाली नई इकाई भारत में सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
वोडाफोन ने कहा है कि यदि भविष्य में संयुक्त इकाई भागीदार अतिरिक्त पूंजी निवेश का फैसला लेते हैं तो वोडाफोन ग्रुप इंडस टॉवर्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार करेगा। भारत की सबसे बड़े मोबाइल टॉवर कंपनी इंडस टॉवर्स में वोडाफोन की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 2017-18 में इंडस टॉवर्स ने वोडाफोन ग्रुप को 13.8 करोड़ यूरो का डिविडेंड दिया है।
25 अप्रैल 2018 को वोडाफोन, भारती एयरटेल लिमिटेड और आइडिया ने इंडस टॉवर्स का भारती इंफ्राटेल में विलय करने की घोषणा की है। भारती एयरटेल और वोडाफोन विलय के बाद बनने वाली कंपनी पर संयुक्तरूप से नियंत्रण रखेंगे और वोडाफोन इस संयुक्त कंपनी में 78.31 करोड़ नए शेयर जारी करेगी।