नई दिल्ली। भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड दो कंपनियों के आपस में विलय से 10 अरब डॉलर बचाने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना के तहत कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या घटाकर 15,000 करना चाहती है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर ने आखिरकर अपना विलय पिछले हफ्ते पूरा कर लिया। इसके बाद बनी नई कंपनी अपने 17,500-18,000 कर्मचारियों में से 2500 की छंटनी करने जा रही है।
कुछ को संबंधित पैरेंट कंपनी वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप में ट्रांसफर किया जाएगा, जबकि कुछ अन्य को कंपनी छोड़ने के लिए कहा जाएगा। एक सप्ताह पुरानी कंपनी ने प्रमोशन और इंक्रीमेंट्स को भी कुछ समय के लिए रोक दिया है। वोडाफोन आइडिया ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि यह सब अफवाह है।
इस मामले से सीधे जुड़े एक वरिष्ठ कार्यकारी का कहना है कि कुछ तर्कसंगतता लाई जाएगी, जो प्राकृतिक होगी और कंपनी अगले कुछ महीनों में 2000-2500 लोगों की छंटनी करेगी। अधिकारी ने कहा कि कंपनी कर्मचारियों के कल्याण के बारे में सोचेगी, उन्हें अच्छा अनुदान दिया जाएगा और संभवता कुछ कर्मचारियों को पैरेंट कंपनी आदित्य बिड़ला ग्रुप में आंतरिक ट्रांसफर की संभावना तलाशी जाएगी।
एक अन्य वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि आंतरिक रूप से कर्मचारियों को बताया गया है कि इस साल प्रमोशन और इंक्रीमेंट्स को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है और अब लक्ष्य प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहना और लीडरशिप पोजीशन को बनाए रखना है।
वरिष्ठ कार्यकारियों द्वारा यह दोहराया गया कि नई कंपनी दोनों विलय हुई कंपनियों वोडाफोन और आइडिया के कर्मचारियों के साथ बराबर का व्यवहार करेगी। पिछले हफ्ते आयोजित हुए टाउनहॉल कार्यक्रम में वोडाफोन आइडिया के एचआर प्रमुख सुवामय रॉय चौधरी ने कहा कि सभी कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाएगा।