नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के प्रस्तावित विलय को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। इन दो कंपनियों के विलय के बाद बनने वाली वोडाफोन आइडिया लिमिटेड नामक नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 35 प्रतिशत होगी और इसके सब्सक्राइर्ब्स की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के विलय को अंतिम मंजूरी तब दी है जब दोनों कंपनियों ने संयुक्त रूप से 7,268.78 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। विभाग ने मोबाइल बिजनेस के विलय के लिए इस राशि की मांग की थी, जिसका भुगतान कंपनियों ने विरोध के साथ किया है और कहा है कि बाद में वह इस मामले को कोर्ट में घसीटेगी। दोनों कंपनियों ने नकद में 3,926.34 करोड़ रुपए का भुगतान किया है और 3,322.44 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दी है।
दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्तावित विलय को अंतिम मंजूरी दे दी गई है और अब दोनों कंपनियां रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से मंजूरी के लिए आवेदन करेंगी। दूरसंचार विभाग ने 9 जुलाई को दोनों कंपनियों के विलय को सशर्त मंजूरी दी थी और राशि का भुगतान करने के लिए कहा था।
उल्लेखनीय है कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी होगी जिसका मूल्य डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक (23 अरब डॉलर) होगा। नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी। नई कंपनी बनाने के बाद भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी नहीं रह जाएगी। संयुक्त उद्यम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 प्रतिशत और कुमारमंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तथा आइडिया के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 28.9 प्रतिशत होगी।