नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने वोडाफोन कर विवाद बहस में शामिल होते हुए कहा कि ब्रिटेन की इस दूरसंचार कंपनी ने मांग के बदले अब तक एक नया पैसा तो चुकाया नहीं है जबकि भारत जब भी विश्वसनीय कर प्रणाली बनाने की बात करता है तो यह मुद्दा हमेशा सामने आ जाता है।
शिकागो बूथ स्कूल में एक संवाद में राजन ने कहा कि भारत व्यापार के लिहाज से अधिक अनुकूल बनने के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है और विश्वसनीय कर प्रणाली लागू करना इन्हीं प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने कहा, एक चीज जिसके लिए हम कठिन मेहनत कर रहे हैं वह विश्वसनीय कर ढांचा खड़ा करना है। लेकिन जब भी हम करों की बात करते हैं तो वोडाफोन जैसे मामले हम पर उछाले जाते हैं। राजन ने कहा, याद रखें हमने जो मांग की थी उसके बदले वोडाफोन ने अभी तक एक नया पैसा भी नहीं दिया है। यह चल रहा है। इस तरह के मामलों में फैसले के लिए एक व्यवस्था है और सरकार बार-बार कहती रही है कि किसी मामले विशष के लिए उस व्यवस्था को खराब नहीं किया जा सकता।
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भारत में कर रिटर्न दाखिल करना अमेरिका से भी आसान: राजन
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारत में अपना आयकर रिटर्न भरना अमेरिका की तुलना में कहीं आसान है। उन्होंने शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में एक संवाद में यह बात कही। उन्होने कहा कि मेरे लिए भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करना अमेरिका में अपना आयकर दाखिल करने से अधिक आसान है।
भारत में भ्रष्टाचार में संबंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में इसमें बहुत कमी आई है। उन्होंने इसके लिए रेलवे टिकटिंग व कर विभाग का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि प्रौद्योगिकी ने मदद की है। उदाहरण के लिए हमने आटोमेटेड रेलवे टिकटिंग शुरू की और वहां भ्रष्टाचार में बहुत कमी आई। अब दलाल सारी टिकटों पर कब्जा कर उन्हें अलग से नहीं बेचते। आयकर विभाग का भी आटोमेशन किया गया है। उन्होंने कहा, आपको अपना धन वापस पाने के लिए आयकर निरीक्षक के पास नहीं जाना पड़ता। मैंने पाया कि मेरे लिए भारत में आयकर रिटर्न दाखिल करना अमेरिका में आयकर दाखिल करने से अधिक आसान है।
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