नई दिल्ली। अगले महीने यानी अक्टूबर महीने की पहली तारीख से देश में सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी होने जा रही है। इस नीलामी में वोडाफोन और आइडिया और हाल ही में कदम रखने वाली रिलायंस जियो सहित 7 ऑपरेटर्स शामिल होंगे। स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आवेदन करने का आखिरी दिन बुधवार था।
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एक अक्टूबर को शुरू होगी नीलामी
1 अक्टूबर से शूरू होने वाले टेलीकॉम स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए कई कंपनियों ने आवेदन दिया है। इनमें भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया सेलुलर, रिलायंस जियो जैसी बड़ी कंपनियां अहम नाम हैं वहीं रिलायंस कम्यूनिकेशन, एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियां भी स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेगी। आवेदन वापस लेने की आखिरी तारीख 22 सितंबर है। ये पहली बार है जब सरकार 700 मेगा हर्टज वाली स्पेक्ट्रम की नीलामी कर रही है।
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5.6 लाख करोड़ रुपए है कुल स्पेक्ट्रम की वैल्यू
सरकार इसमें 2,354.55 MHz स्पेक्ट्रम बेचने जा रही है। वह सात बैंड में एयरवेव्स बेचेगी। इसमें 700 MHz बैंड भी शामिल है। पहली बार टेलीकॉम कंपनियों को इस बैंड में स्पेक्ट्रम ऑफर किया जा रहा है। नीलामी के लिए जो रिजर्व कीमत तय की गई है, उस हिसाब से पूरे स्पेक्ट्रम की वैल्यू 5.6 लाख करोड़ है। इसमें से 4 लाख करोड़ 700 MHz बैंड से मिलने की उम्मीद है, जिसे 4जी सर्विसेज के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि नीलामी से इससे कहीं कम रकम मिलेगी। उन्होंने इससे 70,000 करोड़ से 1,50,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि कंपनियां 700 MHz बैंड की ऊंची कीमत की वजह से अपनी स्पेक्ट्रम होल्डिंग को इस नीलामी में रिन्यू नहीं कराएंगी।
वोडाफोन और आइडिया के एग्रेसिव बोली लगाने की उम्मीद
वोडाफोन और आइडिया नीलामी में एग्रेसिव बोली लगा सकती हैं क्योंकि उनके पास देश के कुल 22 सर्कल्स में सिर्फ आधे में ही 4जी स्पेक्ट्रम हैं। वहीं, एयरटेल और जियो के पास पूरे देश भर में 4जी स्पेक्ट्रम हैं। उनके मुकाबला करने के लिए दोनों कंपनियों को अधिक से अधिक सर्कल्स में 4जी स्पेक्ट्रम हासिल करने होंगे। ऐसे में वोडाफोन और आइडिया के पास मोबाइल डेटा स्पेक्ट्रम को बढ़ाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है, जिसे टेलीकॉम सेक्टर के लिए ग्रोथ की अगली सीढ़ी माना जा रहा है।