मुंबई। विमानन कंपनी विस्तार ने जेट एयरवेज के बंद होने के बाद पट्टे पर लिये गए नौ बोइंग 737 विमानों को बेड़े से हटाने का काम इस महीने से शुरू कर दिया है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने पीटीआई भाषा से कहा कि इनमें से दो विमान इस महीने हटाए जा रहे हैं। अन्य विमान दीर्घकालिक पट्टे पर हैं, अत: उन्हें 2022-23 में बाहर किया जाएगा। कंपनी ने एयरबस को 50 ए320 नियो और ए321 नियो विमानों का ठेका दिया है। इनकी आपूर्ति पिछले साल नवंबर से शुरू हो चुकी है। विस्तार में टाटा समूह की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
737 मैक्स को लेकर कम नहीं हो रही हैं बोइंग की उलझनें
बोइंग को अपने 737 विमानों में सुरक्षा की दृष्टि से क्या क्या कमी सुधारनी पड़ सकती है, इसकी सूची बढ़ती जा रही है। इसमें एक समस्या विमान की नियंत्रण प्रणालियों की तारों के संयोजन की भी जुड़ गयी है। इसके अलावा सोमवार को इन विमानों को खड़े किए जाने से बोइंग के वित्तीय नुकसान का मुद्दा भी उभर कर सामने आया। अमेरिकन एयरलाइन्स ने कहा कि उसे इन विमानों को सुरक्षा कारणों से खड़े करने से उड़ानें रद्द करने पर जो नुकसान हुआ है, उसकी क्षतिपूर्ति के लिए बोइंग के साथ समझौता हो गया है।
अमेरिकन एयरलाइंस ने यह नहीं बताया है कि यह समझौता कितने का है पर यह जरूर कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को लाभ में हिस्सेदारी के रूप में तीन करोड़ डॉलर का भुगतान करेगी। अमेरिकन एयरलाइंस के अक्टूबर के एक अनुमान के अनुसार पूरे वर्ष 2019 में मैक्स 737 विमानों के खड़े होने से उसे 54 करोड़ डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। एयरोमेक्सिको ने भी कहा है कि उसका इस विषय में बोइंग से समझौता हो गया है। कंपनी के बेड़े में छह मैक्स विमान हैं।
अमेरिका के संघीय विमानन प्रभाग ने बोइंग को इन विमानों की सभी महत्वपूर्ण प्रणालियों की सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसी जांच के क्रम में नियंत्रण प्रणाली की वायरिंग (तार संयोजन) का मुद्दा सामने आया है। जांच में पाया गया कि तार आपस में इतने नजदीक से गुजरते हैं जिससे शार्ट सक्रिट (तारों के पिघलने का आग लगने) का जोखिम है। बोइंग के सभी मैक्स 737 विमान इस समय गत मार्च से खड़े हैं। इससे पहले दो मैक्स विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे जिनमें कुल 346 लोग मारे गए थे। समझा जाता है कि ये दुर्घटनाएं उड़ान के दौरान विमान के उन्नत कोण के बारे में संकेत देने वाली संकेत प्रणाली के साफ्टवेयर की त्रुटि का नतीजा थी। बोइंग ऐसे करीब 400 विमान बेच चुकी है और 400 विमान बन कर तैयार है लेकिन उन्हें ग्राहक एयरलाइनों को नहीं भेजा जा सका है।