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लड़ाई-झगड़ों की वजह से देश के हर व्‍यक्ति को हुआ 40000 रुपए का नुकसान, ऐसे बिगड़ा GDP का गणित

भारतीय अर्थव्यवस्था को क्रय शक्ति क्षमता (PPP) के संदर्भ में हिंसा के कारण पिछले साल 1,190 अरब डॉलर यानी 80 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 595.40 डॉलर यानी 40 हजार रुपए से अधिक है।

Edited by: Manish Mishra
Updated on: June 10, 2018 13:26 IST
Violence- India TV Paisa

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नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को क्रय शक्ति क्षमता (PPP) के संदर्भ में हिंसा के कारण पिछले साल 1,190 अरब डॉलर यानी 80 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुकसान प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 595.40 डॉलर यानी 40 हजार रुपए से अधिक है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी है। दक्षिण एशिया क्षेत्र में अफगानिस्तान और पाकिस्तान दो सबसे खराब देश बने हुए हैं तथा इनकी स्थिति और खराब हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 के दौरान हिंसा का कुल वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पिछले दशक के किसी भी अन्य साल से अधिक रहा है।

इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने 163 देशों एवं क्षेत्रों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा से 2017 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 9 प्रतिशत के बराबर नुकसान हुआ है।

इस दौरान हिंसा से वैश्विक अर्थव्यवस्था को पीपीपी आधार पर 14,760 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। यह वैश्विक जीडीपी का 12.4 प्रतिशत है जो प्रति व्यक्ति 1,988 डॉलर होता है। रिपोर्ट में कहा गया कि आकलन में हिंसा के प्रत्यक्ष-एवं परोक्ष प्रभावों समेत आर्थिक गुणात्मक प्रभाव को भी शामिल किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार गुणात्मक प्रभाव उन अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों का भी आकलन करता है जो हिंसा के प्रत्यक्ष प्रभाव को टाल दिए जाने की सूरत में हो सकते थे।   

रिपोर्ट में कहा गया कि इंसान को नियमित तौर पर घर, काम, दोस्तों के बीच संघर्ष का सामना करना पड़ता है। जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के बीच यह संघर्ष और अधिक व्यवस्थित तरीके से होता है। लेकिन इनमें से अधिकांश संघर्ष हिंसा में नहीं बदलते।

रिपोर्ट में कहा गया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र कुछ गिरावट के बाद भी विश्व का सबसे शांत क्षेत्र बना हुआ है। इस दौरान बाह्य एवं आंतरिक दोनों संघर्षों तथा पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार हुआ है लेकिन हिंसक अपराध, आतंकवाद के प्रभाव, राजनीतिक अस्थिरता और राजनीतिक आतंकवाद ने क्षेत्र में स्थिति को बिगाड़ा है।

रिपोर्ट के अनुसार मुख्यत: आंतरिक सुरक्षा खर्च में वृद्धि के कारण हिंसा का वैश्विक आर्थिक प्रभाव 2016 की तुलना में 2017 में 2.1 प्रतिशत बढ़ा है।

सीरिया इस दौरान जीडीपी के 68 प्रतिशत खर्च के साथ सबसे खराब देश रहा है। इसके बाद 63 प्रतिशत के साथ अफगानिस्तान और 51 प्रतिशत के साथ इराक का स्थान है। शीर्ष दस खराब देशों में अल सल्वाडोर, दक्षिणी सुडान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, साइप्रस, कोलंबिया, लीसोथो और सोमालिया भी शामिल हैं। हिंसा से हुए नुकसान के मामले सबसे बेहतर स्थिति स्विट्जरलैंड की रही है। इसके बाद इंडोनेशिया और बुर्किना फासो का स्थान है।

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