कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए एंजेल ब्रोकिंग में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर विनीत अग्रवाल ने इसके बिज़नेस पर होने वाले असर और कंपनी के ग्रोथ की संभावनाओं पर चर्चा की। एंजेल ब्रोकिंग एक मुंबई हेडक्वार्टर आधारित ब्रोकरेज है, जो ब्रोकिंग व एडवाइजरी सर्विसेस, मार्जिन फंडिंग, और शेयर के बदले ऋण मुहैया कराती है।
प्रश्न: कोरोना वायरस के विस्तार का आपके बिज़नेस पर क्या असर पड़ेगा? बाजार में काफी बिकवली देखने को मिली है...
विनीत अग्रवाल: हमें अभी तक कोरोना वायरस के कारण अपने बिज़नेस में कोई प्रभाव देखने को नहीं मिला है। मार्केट निराशाजनक रहा है और इसके कारण अस्थिरता बढ़ी है, लेकिन हमारे लिए अब तक चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे वॉल्यूम महीने दर महीने लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि हाल ही में चिंता के कारण बिकवली जरूर देखने को मिली है, लेकिन जल्द ही मार्केट इससे उबर जाएगा। कुल मिलाकर हमारा बिज़नेस पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर है।
प्रश्न: कोरोना वायरस के प्रभाव से बचने के लिए क्या योजना तैयार की गई है?
विनीत अग्रवाल: हमारा प्रमुख बिज़नेस मार्केट आधारित है। ब्रोकिंग सर्विसेस के अलावा हम क्लाइंट को स्टॉक का चयन करने में मदद करते हैं, जो उनके निवेश की कीमत को बढ़ाता है। लेकिन क्लाइंट को किसी स्टॉक का सुझाव देने में काफी सावधानी रखनी पड़ती है। इसके अलावा शुरुआती असर को रोकने के लिए हमारे पास पर्याप्त साधन हैं।
प्रश्न: क्या ब्रोकरेज इंडस्ट्री में ज्यादा रेग्युलेशन की आवश्यकता है?
विनीत अग्रवाल: स्पष्ट तौर पर कहें तो ब्रोकिंग इंडस्ट्री आज भी बहुत अच्छी तरह से रेग्युलेटेड है। इसके अलावा पिछले कुछ समय में रेग्युलेटर्स कई प्रभावी रेग्युलेशन लागू किए हैं और निकट भविष्य में कुछ और नए नियम लागू हो सकते हैं। एक बड़ी रिटेल इंडस्ट्री होने के नाते इस सेक्टर के लिए रेग्युलेशन अच्छे हैं, जब तक कि वे निवेशकों के लिए व्यावहारिक और फायदेमंद हों।
प्रश्न: ब्रोकरेज बिज़नेस कितना स्थायी है? ब्रोकरेज हाउंस ब्रोकिंग में छूट दे रहे हैं या 0 ब्रोकरेज का विकल्प भी दे रहे हैं
विनीत अग्रवाल: स्टॉक ब्रोकिंग बिज़नेस में ग्रोथ की बेहतर क्षमता है। हम काफी रोचक दौर में हैं। विश्व में अन्य विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से तुलना की जाए, तो वित्तीय पूंजी में निवेश के मामले में भारत अब भी पीछे है। हालांकि रिटेल सेगमेंट में वॉल्यूम पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है और आने वाले कई वर्षों तक इसके बढ़ने के कई कारण हैं। हमारे लिहाज से देखें तो हमें अपने प्लेटफॉर्म में भी वॉल्यूम में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इंडस्ट्री के डिजिटाइज होने के कारण ही हमें ब्रोकरेज में कमी देखने को मिल रही है। कुछ कड़े नियमों और बिज़नेस मॉडल में बदलाव के कारण इंडस्ट्री में एकीकरण देखने को मिल रहा है। यदि बिज़नेस अपनी लागत कम करते हैं और इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाते हैं, तो इंडस्ट्री के लिए यह अच्छे संकेत हैं और इससे प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा। हमारी कोशिश यही है कि इस प्रतिस्पर्धा में हम अन्य से आगे बने रहें।
प्रश्न: कमीशन के अलावा आप कमाई के किन अन्य विकल्पों का रुख कर रहे हैं?
विनीत अग्रवाल : हम अपनी सहायक कंपनियों के साथ लगातार अपने मूल बिज़नेस के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ब्रोंकिंग बिज़नेस में कई संभावनाएं हैं, जो हमें अपनी ओर आकर्षित करती हैं। हम बिज़नेस में मजबूत स्थिति में है कि अन्य माध्यमों से रेवेन्यू जनरेट कर सकें। हम इसे अपनी व्यापारिक रणनीति का हिस्सा मानते हैं और उचित अवसर आने पर इन्हें लॉन्च करेंगे।
प्रश्न: पिछले दो वर्षों में आपने टेक्नोलॉजी पर कितना खर्च किया है और अगले दो वर्षों में और कितना खर्च किए जाने की संभावना है?
विनीत अग्रवाल : टेक्नोलॉजी और बेहतर प्लेटफॉर्म शुरुआत से ही हमारी ताकत रही है। हमने अपने रेवेन्यू का उचित हिस्सा ( डबल डिजिट %) क्षमता, टेक प्लेटफॉर्म और उत्पादों को बेहतर बनाने में लगाया है और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे।