नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का किंगफिशर हाउस बिक गया है। 8 असफल प्रयासों के बाद नवीं बार में डेट रिकवरी ट्रिब्युनल (DRT) ने किंगफिशर हाउस को बेचने में सफलता पाई। कभी किंशफिशऱ एयरलाइन का हेडऑफिस रह चुकी इस पॉपर्टी को हैदराबाद के निजी डेवलपर्स सैटर्न रियल्टर्स ने 52 करोड़ रुपये में खरीदा है। इस प्रॉपर्टी के लिये रिजर्व प्राइस 135 करोड़ रुपए रखा गया था, हालांकि बिक्री इससे काफी कम कीमत पर हुई। नीलामी से मिली रकम बैंकों के पास जायेगाी।
कितनी बड़ी प्रॉपर्टी
मुंबई के पॉश इलाके में स्थित इस बिल्डिंग में बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर, एक अपर ग्राउंड फ्लोर और एक अपर फ्लोर है। इस प्रॉपर्टी का एरिया 1,586 वर्ग मीटर है, जबकि प्लॉट 2,402 वर्ग मीटर का है। किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम का 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। इससे पहले शेयरों की नीलामी से कर्जदाता 7,250 करोड़ रुपये वसूल चुके हैं। इस प्रॉपर्टी को बेचने के लिए लगातार कोशिश जारी थी, इसे लेकर कुल 9 बार नीलामी लगी, ऊंचे रिजर्व प्राइस को देखते हुए 8 बार प्रॉपर्टी के लिये खरीदार नहीं मिले थे । नवीं बार में ये नीलामी हो सकी, जो कि रिजर्व प्राइस से काफी कम पर थी।
विजय माल्या को ब्रिटिश कोर्ट ने दिवालिया घोषित किया
ब्रिटेन की अदालत ने 26 जुलाई को विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने के आदेश को मंजूरी दे दी थी। इससे अब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में अन्य भारतीय बैंक माल्या की संपत्ति पर आसानी से कब्जा कर सकेंगे। इन बैंकों ने अदालत में इस संबंध में याचिका दाखिल की थी। बता दें कि माल्या को बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन द्वारा बकाया ऋण की अदायगी की मांग के लिए दुनिया भर में फ्रीजिंग आदेश का पालन करना पड़ रहा है।