नई दिल्ली। मुंबई के आर्थर रोड जेल में अमानवीय स्थितियों के आरोपों का खंडन करते हुए भारतीय जांच एजेंसी ने ब्रिटेन की अदालत को एक वीडियो उपलब्ध कराया है, जिसमें सेल नंबर 12 में उचित प्राकृतिक रोशनी को दिखाया गया है। यह वही सेल है, जिसमें प्रत्यर्पण के बाद संकटग्रस्त कारोबारी विजय माल्या को रखा जाएगा।
सीबीआई ने विभिन्न सुविधाओं को दिखाए जाने वाले लगभग 10 मिनट के वीडियो को लंदन की अदालत को दिया है। यह वीडियो माल्या के वकीलों द्वारा भारतीय जेलों में अमानवीय स्थितियों के आरोपों का जवाब देने के लिए कोर्ट को उपलब्ध कराया गया है।
वीडियो में दिखाया गया है कि मुंबई की आर्थर रोड जेल की सेल नंबर 12 में पर्याप्त सुविधाएं जैसे टीवी सेट, प्राइवेट टॉयलेट, एक वॉशिंग एरिया, उचित प्राकृतिक रोशनी की उपलब्धता, लाइब्रेरी तक पहुंच और घूमने के लिए एक आंगन, हैं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्रिटेन की अदालत यह जानना चाहती थी क्या भारतीय जेल स्वच्छ हैं। इसलिए हमनें उन्हें इसका प्रमाण देने के लिए यह वीडियो सौंपा है। इस वीडियो में जेल में उपलब्ध मेडिकल सुविधा और स्वच्छता के स्तर को दिखाया गया है। इतना ही नहीं जिस सेल में माल्या को रखा जाएगा वह ईस्ट-फेसिंग है, इसलिए इसमें पर्याप्त रोशनी रहेगी।
विजय माल्या के वकीलों ने उनके प्रत्यर्पण को इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें जेल में अमानवीय स्थितियों में रखे जाने से भारत में निष्पक्ष सुनवाई की संभावना नहीं है। इसके बाद लंदन की अदालत ने भारतीय अधिकारियों से सेल नंबर 12 का पूरा वीडियो मांगा था।
आर्थर रोड जेल की सेल नंबर 12 हाई-प्रोफाइल कैदियों के लिए है, इसमें ऐसे कैदी भी शामिल हैं जिनकी सुरक्षा को खतरा होता है, या जो किसी दूसरों के लिए खतरा बन सकते हैं। चल रही प्रत्यर्पण कार्यवाही में, यदि जज भारत सरकार के पक्ष में आदेश पारित करते हैं तो यूके के होम सेक्रेटरी दो माह के भीतर माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर देंगे। हालांकि दोनों पक्षों के पास मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ ब्रिटेन में उच्च अदालत में जाने का विकल्प होगा।