लंदन/नई दिल्ली। विवादों में उलझे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने फॉर्मूला वन मोटरस्पोर्ट कंपनी फोर्स इंडिया एफ1 के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच उसके वकीलों ने ब्रिटिश हाई कोर्ट के निर्णय को चुनौती का आवेदन दायर किया है। अदालत ने माल्या की 1.145 अरब ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था।
ब्रिटेन की कंपनीज हाउस रिकॉर्ड के अनुसार माल्या ने 24 मई को सहारा फोर्स इंडिया के निदेशक पद से इस्तीफा दिया। हालांकि, सहारा इंडिया परिवार के प्रमुख सुब्रत रॉय कंपनी के निदेशक पद पर बने हुए हैं। फोर्स इंडिया के प्रवक्ता ने इस पर कहा कि टीम इसके बारे में कोर्ठ टिप्पणी नहीं करेगी। हालांकि, रेसिंग से जुड़ी खबरें देने वाले प्रकाशन ऑटोस्पोर्ट ने माल्या के हवाले से लिखा है कि वह अपनी जगह अपने बेटे को निदेशक बनाने जा रहे हैं। माल्या टीम प्रिंसिपल के पद पर बने रहेंगे।
सेबी ने माल्या पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से रोक की अवधि बढ़ाई
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से तीन साल की और रोक लगा दी है। इसके अलावा नियामक ने यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड में गैरकानूनी तरीके से कोष को इधर-उधर करने के मामले में किसी सूचीबद्ध कंपनी के निदेशक पद पर रहने पर पांच साल की रोक लगाई है।
सेबी ने इसके साथ ही कंपनी के दो पूर्व अधिकारियों अशोक कपूर और पी ए मुरली पर एक साल का प्रतिबंध लगाया है। जनवरी, 2017 में अंतरिम आदेश के जरिये नियामक ने माल्या और यूनाइटेड स्प्रिट्स के छह पूर्व अधिकारियों पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार की रोक लगाई थी। इनमें कपूर और मुरली भी शामिल थे। अपने 38 पृष्ठ के आदेश में सेबी ने कहा है कि उसने माल्या पर प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने से और तीन साल की रोक लगाई है। वह किसी सूचीबद्ध कंपनी में पांच साल तक निदेशक पद भी नहीं ले सकेंगे। कपूर और मुरली पर किसी कंपनी में निदेशक पद या महत्वपूर्ण प्रबंधन स्तर का पद लेने पर भी एक साल के लिए रोक लगाई है।