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IDBI बैंक के CMD से मिले माल्या और झटपट मंजूर हो गया 350 करोड़ रुपए का लोनः ED

IDBI बैंक के तत्कालीन CMD तथा विजय माल्या के बीच छुट्टी के दिन हुई बैठक के बाद 350 करोड़ रुपए के कर्ज का वितरण आनन फानन में कर दिया गया।

Manish Mishra
Updated on: January 29, 2017 16:40 IST
ED का बड़ा खुलासा : IDBI बैंक के CMD से मिले माल्या और झटपट मंजूर हो गया 350 करोड़ रुपए का लोन- India TV Paisa
ED का बड़ा खुलासा : IDBI बैंक के CMD से मिले माल्या और झटपट मंजूर हो गया 350 करोड़ रुपए का लोन

नई दिल्ली। IDBI बैंक के तत्कालीन चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा शराब कारोबारी विजय माल्या के बीच छुट्टी के दिन हुई बैठक के बाद किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज की पहली दो किस्तों के रूप में 350 करोड़ रुपए का वितरण आनन फानन में कर दिया गया।

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आपराधिक साजिश के तहत हुआ समझौता : ED

  • प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यह जानकारी देते हुए कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस की वित्तीय स्थिति कमजोर होने के बावजूद दोनों संगठनों ने आपराधिक साजिश के तहत यह समझौता किया और ऋण जारी किया।
  • IDBI बैंक ने समझौते के तहत कुल 860.92 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर और वितरित किया।
  • मनी लांड्रिंग मामले की जांच कर रही एजेंसी ने कहा कि जांच में यह सामने आया है कि बैंक द्वारा किंगफिशर एयरलाइन, जो कि अब बंद पड़ी है, को दिए जाने वाले ऋण की संरचना और उसकी पुनर्संरचना के लिए जिस तरह की प्रक्रिया अपनाई गई वह इसमें धोखाधड़ी होने के तरीके से ही तैयार की गई।
  • माल्या और किंगफिशर एयरलाइंस की इस कर्ज को चुकाने कोई मंशा ही नहीं थी।

ED की जांच रिपोर्ट के अनुसार

PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्‍ट) की जांच से पता चलता है कि किंगफिशर और उसके प्रवर्तकों द्वारा ऋण की गारंटी स्वरूप जिन चीजों की पेशकश की गई उनकी गुणवत्ता और बाजार मूल्य का आकलन नहीं किया गया। बैंक ने अपनी ओर से पूरी जांच पड़ताल नहीं की और ऋण की कुल 350 रुपए की पहली दो किस्तों को जारी करने में कुछ अधिक जल्दबाजी दिखाई गई।

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बैंक अधिकारियों और किंगफिशर एयरलाइन के प्रवर्तकों ने रची थी साजिश

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि इस कर्ज का वितरण माल्या तथा बैंक के तत्कालीन CMD योगेश अग्रवाल के बीच छुट्टी पर बैठक के बाद किया गया।
  • ऐसे में 7 अक्‍टूबर, 2009 को 150 करोड़ रुपए तथा 4 नवंबर, 2009 को 200 करोड़ रुपए की ऋण की किस्तों को जारी करने की वजह के बारे में पूछने की जरूरत नहीं रह जाती।
  • CBI ने हाल में इस मामले में अग्रवाल और आठ अन्य को गिरफ्तार किया है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लेन-देन जिसमें एक बड़ी राशि शामिल थी, की किंगफिशर एयरलाइंस को मंजूरी तदर्थ आधार पर बिना जांच पड़ताल के कर दी गई जिससे पता चलता है कि बैंक अधिकारियों तथा एयरलाइन के प्रवर्तकों ने गहरी साजिश रची थी।

योगेश अग्रवाल ने जांच अधिकारी को दी थी ये सफाई

  • एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अग्रवाल ने ED को पिछले साल 23 मार्च को जांच अधिकारी के समक्ष दिए बयान में कहा था कि इस मामले में अक्‍टूबर, 2009 में माल्या ने उन्‍हें उनके दफ्तर में फोन कर अगले दिन बैठक के लिए कहा था।
  • चूंकि अगले दिन छुट्टी थी ऐसे में अग्रवाल ने उसके बाद मिलने की बात कही।
  • लेकिन माल्या ने कहा कि वह अगले दिन शाम को मुंबई से बाहर जा रहे हैं और यह मामला जरूरी है, इसलिये यदि अग्रवाल उनसे अगले दिन मिल सकें तो वह आभारी रहेंगे।
  • पूर्व CMD ने बताया कि माल्या ने अगले दिन उनके साथ बैंक के पूर्व MD तथा मौजूदा सलाहकार एवं IDBI बैंक के एक कार्यकारी निदेशक के साथ मुलाकात की।
  • अग्रवाल ने बताया कि माल्या ने सूचित किया कि किंगफिशर एयरलाइंस गंभीर संकट में है और उसे अपनी उड़ान जारी रखने के लिए तत्काल धन की जरूरत है।

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