नई दिल्ली। कोर्ट, सरकार और जांच एजेंसियों के बढ़ते दबाव के आगे शराब कारोबारी विजय माल्या झुकते नजर आ रहे हैं। माल्या ने बैंकों को 4,400 करोड़ रुपए की जगह 6,868 करोड़ रुपए देने का नया प्रस्ताव दिया है। गैरजमानती वारंट जारी होने के बाद गुरुवार को माल्या ने अपने वकील के जरिए बैंकों को यह नया सेटलमेंट ऑफर दिया। किंगफिशर पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपए बकाया है।
भारत लौटने पर साधी चुप्पी
हालांकि माल्या भारत वापस लौटने के सवाल पर चुप्पी साधे रहे। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक माल्या ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह बैंकों को ज्यादा से ज्यादा 6,868 करोड़ रुपए लौटा सकते हैं। माल्या ने यह भी कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस को फिर से चलाने की कोशिशें बढ़ते तेल के दामों, ऊंची टैक्स दर और खराब एयरक्राफ्ट इंजन की वजह से पूरी नहीं हो सकीं। इन सबकी वजह से उन्हें और उनके परिवार, यूबी ग्रुप और किंगफिशर फिनवेस्ट को 6,107 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा।
विदेशी संपत्तियों के बारे में जानकारी लेने का अधिकार नहीं
बुधवार को माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बैंकों को उनकी विदेशों में चल और अचल संपत्तियों के बारे में सूचना पाने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह 1988 से ही एनआरआई हैं। माल्या की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया है, संपत्तियों का ब्योरा सिर्फ भारत में संपत्तियों तक सीमित रहना चाहिए और प्रवासी भारतीय के रूप में विदेशी संपत्तियों की सूचना देने की जरूरत नहीं है। यहां तक भी आयकर रिटर्न में आयकर अधिकारियों को भी इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं है।