लंदन। देश छोड़कर भागे संकटग्रस्त शराब कारोबारी विजय माल्या ने भारतीय बैंकों द्वारा बकाये की वसूली के प्रयासों को रोकने और लंदन में जमा की गई अपनी संपत्ति को जब्त होने से बचाने के लिए एक नई कानूनी लड़ाई शुरू की है।
भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक समूह को माल्या के ब्रिटेन में एक चालू बैंक खाते में पड़े 2,60,000 पौंड की राशि हासिल करने का अंतरिम आदेश मिला था। यह आदेश भारतीय कर्ज वसूली न्यायाधिकरण ने दिया था। माल्या इसी आदेश के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
यहां की अदालत की क्वींस बेंच डिवीजन में मास्टर डेविड कुक द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान माल्या की कानूनी टीम ने इस अंतरिम आदेश को खारिज किए जाने का आग्रह किया। इस मामले में बाद की तारीख में फैसला आने की संभावना है।
भारतीय बैंकों की ओर से कानूनी लड़ाई लड़ रही टीएलटी एलएलपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह सुनवाई जनवरी में बैंकों द्वारा हासिल किए गए एक तीसरे पक्ष के अंतरिम ऋण आदेश से जुड़ी है। साथ ही यह लंदन में आईसीआईआई बैंक में माल्या के चालू खाते में 2,60,000 पौंड के कोष से संबद्ध है।
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यह भारतीय कर्ज वसूली न्यायाधिकरण द्वारा माल्या के खिलाफ दिए गए आदेश को लागू करने के प्रयासों का हिस्सा है। माल्या इस का विरोध कर रहे हैं और अदालत से अंतरिम आदेश को रद्द करवाने की मांग कर रहे हैं। यदि इस पर अंतिम निर्णय आता है तो बैंकों को यह राशि भेज दी जाएगी।