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विजय माल्या के प्रत्यर्पण में हो रही देरी पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- चल रही गोपनीय कार्यवाही

उच्चतम न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के वकीलों से कहा कि वे 2 नवंबर तक बताएं कि माल्या कब अदालत के समक्ष पेश हो सकते हैं और गोपनीय कार्यवाही कब समाप्त होगी।

Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: October 05, 2020 16:12 IST
Vijay Mallya  - India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

Vijay Mallya  

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के वकीलों से कहा कि वे 2 नवंबर तक बताएं कि माल्या कब अदालत के समक्ष पेश हो सकते हैं और गोपनीय कार्यवाही कब समाप्त होगी। उच्चतम न्ययाालय में सोमवार को भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी विजय माल्या आज सजा पर बहस के लिए उपस्थित नहीं हुआ। 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) की सर्वोच्च अदालत दे चुकी है, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। केंद्र का कहना है कि उसे ब्रिटेन में चल रही गुप्त कार्यवाही की जानकारी नहीं है जिसके कारण माल्या के प्रत्यर्पण में देरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को माल्या के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ। जजों ने इस बात पर हैरानी जताई कि यूके की अदालत में प्रत्यर्पण कि कानूनी लड़ाई हार जाने के बाद भी वह अब तक वहां कैसे रुका है। कोर्ट ने इसका साफ जवाब न देने के लिए भगोड़े कारोबारी के वकील को फटकार लगाई और सुनवाई 2 नवंबर के लिए टाल दी।

आज जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने जैसे ही सुनवाई शुरू की। केंद्र के वकील ने बताया, "यूके में प्रत्यर्पण की सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। वहां के सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या की अपील खारिज कर दी थी, लेकिन अब वहां कोई गुप्त प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसमें हम पक्ष नहीं हैं। इसलिए, बता नहीं सकते कि यह कब तक चलेगी।" इस पर जजों ने माल्या के वकील से पूछा, “यूके का सुप्रीम कोर्ट भी प्रत्यर्पण की अनुमति दे चुका है, फिर आपके क्लायंट वहां किस तरह से रुके हैं? कौन सी गुप्त प्रक्रिया वहां शुरू की गई है? यह कब तक चलेगी?”

माल्या की तरफ से पेश हुए वकील अंकुर सहगल ने कहा कि उन्हें इस पर कोई जानकारी नहीं है। जजों ने इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा, “आप किसी के लिए पेश हुए हैं और उसकी तरफ से सवाल का जवाब नहीं दे पा रहे?” कोर्ट ने वकील से स्पष्ट जवाब पेश करने के लिए कहा। मामला अब 2 नवंबर को दोपहर 2 बजे सुना जाएगा।

बैंकों के हजारों करोड़ रुपये हजम कर फरार माल्या को सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति का सही ब्यौरा न देने और अवैध तरीके से पैसे परिवार के विदेशी एकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए अवमानना का दोषी माना है। उसकी पुनर्विचार याचिका भी खारिज की जा चुकी है। 31 अगस्त को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को 5 अक्तूबर को दोपहर दो बजे से पहले व्यक्तिगत रूप में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने गृह मंत्रालय को माल्या की अक्तूबर में न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुविधा देने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने माल्या की अवमानना मामले में दोषी ठहराने के 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश जारी किया था।

विजय माल्या बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज की अदायगी नहीं करने के मामले में आरोपी है। इस समय वह ब्रिटेन में रह रहा है, जिसके प्रत्यर्पण के लिए सरकार कोशिश कर रही है।

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