लंदन। लंदन कोर्ट में प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान, विजय माल्या ने आज इस मामले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम घसीटा है। माल्या ने आज दावा किया कि देश छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और बकाया भुगतान के लिए पेशकश भी की थी। विजय माल्या ने लंच ब्रेक में कोर्ट के बाहर पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह बात कही। हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माल्या की इस बात का खंडन करते हुए कहा है कि ये सब बकवास है और इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है। वहीं लंदन की कोर्ट ने माल्या के प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला सुनाने के लिए 10 दिसंबर का दिन तय किया है।
लंदन कोर्ट में माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई चल रही है और कोर्ट भारतीय अधिकारियों द्वारा मुंबई की आर्थर रोड जेल की बनाई गई वीडियो की समीक्षा करेगी। इसके आधार पर ही यह तय होगा कि माल्या को कानूनी कार्रवाई के लिए भारत प्रत्यर्पण करना है या नहीं।
विजय माल्या के वकीलों ने तर्क दिया है कि भारत में उनका प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता क्योंकि वहां की जेल पहले से ही बहुत भरी हुई हैं और वहां सफाई भी नहीं है। भारतीय अधिकारियों ने विजय माल्या के तर्कों का जवाब देने के लिए मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 का वीडियो लंदन कोर्ट को सौंपा है, जिसमें प्रत्यर्पण के बाद माल्या को रखा जाएगा।
विजय माल्या ने पत्रकारों से कहा कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। मेरी जेनेवा में पहले से मीटिंग तय थी इसलिए मैंने देश छोड़ा। देश छोड़ने से पहले मैंने वित्त मंत्री से मुलाकात की थी। मैंने उनके समक्ष बैंकों का बकाया चुकाने की पेशकश भी की थी। यही सच्चाई है।
माल्या ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि वह एक राजनीतिक फुटबॉल हैं। इसके लिए वह कुछ भी नहीं कर सकते हैं। मेरी नियत साफ है और कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष मैंने अपनी 15,000 करोड़ रुपए मूल्य की सपंत्ति को बकाया चुकाने के लिए रखा है। मैं एक बली का बकरा हूं। दोनों ही राजनीतिक दल मुझे पसंद नहीं करते हैं।
वहीं विजय माल्या के बयान पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा है कि विजय माल्या का भारत छोड़ने से पहले मुझसे मिलने और समझौते के लिए पेशकश करने की बात पूरी तरह से गलत है। 2014 के बाद से मैंने उन्हें कभी भी मिलने के लिए अप्वॉइंटमेंट नहीं दिया तो ऐसे में उनका मुझसे मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
जेटली के मुताबिक राज्यसभा के सदस्य होने के नाते माल्या ने कभी कभी संसद की कार्यवाही में भी हिस्सा लिया। वित्त मंत्री ने कहा कि उसने एक बार इस विशेषाधिकार का गलत फायदा उठाया और जब मैं सदन से निकल कर अपने कमरे की तरफ बढ़ रहा था तो वह तेजी से पीछा कर मेरे पास आ गया। चलते-चलते उसने कहा कि उसके पास ऋण समाधान की एक योजना है।
जेटली ने कहा कि उसकी पहले की ऐसी झूठी पेशकश के बारे में पहले से पूरी तरह अवगत होने के कारण उसे बातचीत आगे बढ़ाने का मौका नहीं देते हुए मैंने कहा कि मुझसे बात करने का कोई फायदा नहीं है और उसे अपनी बात बैंकों के सामने रखनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि माल्या के हाथ में कुछ कागज थे, जो उन्होंने नहीं लिए। जेटली ने कहा कि इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा उन्होंने कभी इस शराब कारोबारी को समय नहीं दिया।