नई दिल्ली। इंडस्ट्रियलिस्ट विजय माल्या को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें बैंक डिफॉल्टर घोषित कर रहा है। जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों (विलफुल डिफॉल्टर) की श्रेणी में रखे जाने से बेपरवाही जताते हुए माल्या ने कहा, पीएनबी अकेला बैंक नहीं जिसने उन्हें डिफॉल्टर घोषित किया है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह वही करेंगे जो उन्हें करना होगा। गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस पिछले तीन वर्षों से बंद है और बैंकों का अरबों रुपए कंपनी पर बकाया है। यहां तक कि कर्मचारियों को अभी तक सैलरी नहीं मिली है।
पीएनबी अकेला बैंक नहीं, वह वही करेंगे जो उन्हें करना होगा: माल्या
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने हाल ही में किंगफिशर एयरलाइंस व इसके दो गारंटरों यूनाइटेड ब्रेवरेजेज होल्डिंग्स और माल्या को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। पीएनबी ऐसा कदम उठाने वाला तीसरा सरकारी बैंक है। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई पहले ही ऐसी कार्रवाई कर चुका है। माल्या ने एक अंग्रेजी टीवी चैनल पर कहा कि पीएनबी अकेला ही बैंक नहीं है और वह वही करेंगे जो उन्हें करना होगा। अपनी शानो शौकत वाली जीवन शैली के लिए चर्चित माल्या ने इस बारे में एक सवाल पर कहा, हर किसी की अपनी राय है। मैं उस पर टिप्पणी नहीं करूंगा। उन्होंने पीएनबी के कदम पर भी टिप्पणी से इनकार किया। उन्होंने कहा, भविष्य में मेरा एक मात्र कदम बैंकों के साथ निपटान करना है।
कंपनी पर 6900 करोड़ का कर्ज, नीलामी होगी किंगफिशर हाउस
एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के एक समूह ने मुंबई में किंगफिशर हाउस की 17 मार्च को नीलामी करने का फैसला किया है। ठप किंगफिशर एयरलाइंस से 6,963 करोड़ रुपए के कर्ज बकाए की कुछ हिस्से की वसूली के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। ठप एयरलाइंस पर पीएनबी का 800 करोड़ रुपए का बकाया है। शराब कारोबारी माल्या की कंपनी किंगफिशर ने 2010 की शुरुआत में एयरलाइन के लिए दूसरे ऋण पुनर्गठन के तहत एसबीआई की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह से 6,900 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। बैंकों का दावा है कि यूनाइटेड ब्रेवरीज और विजय माल्या ने इस कर्ज के लिए गारंटी दी थी। एसबीआई को एयरलाइन से करीब 1,600 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। इसमें से बैंक यूबी समूह की कंपनियों के गिरवी रखे शेयरों की बिक्री से करीब 1,100 करोड़ रुपए की वसूली कर पाए हैं।