मजिस्ट्रेट एम कृष्णा राव ने 50-50 लाख रुपए के दो चेक बाउंस होने से जुड़े मामले में 20 अप्रैल को माल्या तथा किंगफिशर एयरलाइंस लि. के वरिष्ठ अधिकारी रघुनाथन को दोषी ठहराया था। दोनों को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया। मामला किंगफिशर एयरलाइंस लि. द्वारा जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (जीएचआईएएल) को दिए चेक से जुड़ा है। जीएमआर हैदराबाद राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा का परिचालन करती है और किंगफिशर एयरलाइंस के लिए हवाईअड्डे पर सुविधाओं के उपयोग को लेकर लगाए गए शुल्क के भुगतान के एवज में चेक दिए गए थे।
जीएचआईएएल का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी टीम के एक सदस्य ने अदालत के समक्ष कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस तथा विजय माल्या के नए पते मिलने चाहिए। बाद में अदालत को बताया गया कि रघुनाथन को गैर-जमानती वारंट के सिलसिले में विभिन्न अदालतों में जाना पड़ा और बाद में वह उच्च न्यायालय गए, जहां से उन्होंने वारंट वापस करवा दिया है।
मजिस्ट्रेट ने कहा, रघुनाथन इस अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। इसके लिए शिकायकर्ता चाहता है कि मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को हो, क्योंकि रघुनाथन को इसी अदालत परिसर में कुछ अन्य अदालतों में उपस्थित होना है। शिकायकर्ता के अनुरोध पर 22 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। इससे पहले, अदालत ने चेक बाउंस मामले में किंगफिशर एयरलाइंस, उसके चेयरमैन माल्या तथा रघुनाथन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।