लंदन। संकटग्रस्त शराब कारोबारी विजय माल्या, जो 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों में ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई का सामना कर रहे हैं, की पूरी दुनिया में स्थित 1.5 अबर डॉलर मूल्य की संपत्तियों को जब्त करने की याचिका पर यहां अप्रैल में सुनवाई शुरू होगी।
ब्रिटेन के हाई कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक भारत के 13 बैंकों ने 61 वर्षीय विजय माल्या के खिलाफ कर्ज नहीं चुका पाने को लेकर उनकी संपत्ति जब्त करने का मामला दायर किया है। दस्तावेज के अनुसार, इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल, 2018 को शुरू होगी और दो दिन के भीतर इसका फैसला आएगा।
इस मामले को इंग्लैंड के हाई कोर्ट में वाणिज्यिक अदालत की क्वीन्स बेंच डिविजन देख रही है। यह मामला भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, आईडीबीआई बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रीकंस्ट्रक्शंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने मिलकर दायर किया है।
माल्या और उनसे संबंधित लैडीवॉक एलएलपी, रोज कैपिटल वेंचर्स लिमिटेड और ओरेंज इंडिया होल्डिंग्स को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। कर्नाटक की डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) ने अपने 19 जनवरी के आदेश में माल्या को बैंकों का 62,033,503,879.42 रुपए और इस पर ब्याज चुकाने का जिम्मेदार ठहराया है। इस तरह माल्या पर बैंकों का कुल बकाया 98,530,512,249.42 रुपए बनता है।