लंदन। विवादों में घिरे शराब व्यवसायी विजय माल्या प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई पुन: शुरु होने पर यहां सुनवाई अदालत में आज हाजिर हुए। अदालत को तय करना है कि भारतीय एजेंसियों से बच कर इग्लैंड में रह रहे माल्या को भारत भेजा जाना चाहिए या नहीं। उल्लेखनीय है कि माल्या उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज को नहीं चुकाने और धोखाधड़ी करने के मामले में भारत में वांछित हैं। इस मामले करीब 9,000 करोड़ रुपए की कर्ज की राशि शामिल है।
लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रहे इस मामले में आज चौथे दिन की सुनवाई शुरु पर माल्या हाजिर थे। उनके वकील क्लेयर मोंटगोमेरी बचाव में दो और गवाह पेश करने वाले हैं। माल्या यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि एयरलाइन का ऋण नहीं चुका पाने का मामला कारोबार की विफलता का परिणाम है ना कि यह कोई ‘बेईमानी’ और ‘धोखाधड़ी’ का मामला है।
इसी बीच यह सामने आया है कि माल्या के खिलाफ इंग्लैंड की हाईकोर्ट के तहत आने वाली वाणिज्यिक अदालत के क्वीन्स बेंच डिविजन में भी समानांतर एक सुनवाई चल रही है। यह मामला भारतीय बैंकों के समूह ने माल्या की वैश्विक परिसंपत्तियों पर रोक लगाने के लिए दायर किया है।
माल्या के खिलाफ इस दावे में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, कारपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रीकंस्ट्रक्शंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड सूचीबद्ध आवेदक हैं। अन्य संबंधित मामलों में लेडीवाक एलएलपी, रोज कैपिटल वेंचर्स लिमिटेड और ऑरेंज इंडिया होल्डिंग्स का नाम शामिल है।
माल्या पर प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के चलते उनके वकीलों को इस मामले में जवाब देने के लिए और समय दे दिया गया है। प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई गुरुवार को खत्म होने की संभावना है।