नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और उनके परिवार के सदस्यों पर लगे कथित अनियमितता के आरोपों की जांच जहां भारत की विभिन्न एजेंसियां कर ही रही हैं वहीं अब यह मामला अमेरिकी बाजार नियामक SEC (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) के रडार पर भी आ गया है। संभव है कि जल्द ही आईसीआईसीआई बैंक और चंदा कोचर को SEC जांच का सामना करना पड़े। हालांकि, जब SEC के एक अधिकारी से इस बाबत सवाल पूछे गए तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
आईसीआईसीआई बैंक पहले ही कथित तौर पर हितों के टकराव और फायदा के बदले फायदा पहुंचाने के मामले की स्वतंत्र जांच करा रहा है। इससे पहले मार्च में जब पहली बार इस संदर्भ में रिपोर्ट्स सामने आई थीं तब बैंक ने कहा था कि उसके बोर्ड को कोचर में पूर्ण विश्वास है।
सूत्रों का कहना है कि SEC पूरे मामले पर नजर रखे हुए है क्योंकि ICICI Bank अमेरिकी बाजार में भी fyLVsM है। SEC भारतीय बाजार नियामक SEBI से इस बारे में और ज्यादा जानकारी देने की गुजारिश कर सकता है। SEBI पहले ही जांच के सिलसिले में आईसीआईसीआई बैंक और कोचर को शो-कॉज नोटिस जारी कर चुका है।
चंदा कोचर और आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े मामले को SEBI के अलावा RBI और कंपनी मामले का मंत्रालय भी देख रहा है। सीबीआई ने मार्च में ही कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ प्रारंभिक जांच दर्ज कर लिया था और अप्रैल में कोचर के देवर राजीव कोचर से भी गहन पूछताछ की थी।
जिन मामलों की जांच हो रही है उनमें वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपए के लोन का मामला भी शामिल है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपए का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था।
वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपए न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था।
ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपए में ट्रांसफर कर दिया।
ऐसे आरोप भी हैं कि न्यूपावर को मॉरीशस आधारित कंपनी फर्स्टलैंड होल्डिंग्स की तरफ से 325 करोड़ रुपए का निवेश हासिल हुआ था। फर्स्टलैंड होल्डिंग्स निशांत कानोडिया की कंपनी है जो एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक रवि रुईया के दामाद हैं।
आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने व्हिसल ब्लोअर अरविंद गुप्ता के नए आरोपों के बाद स्वतंत्र जांच का आदेश दिया है। व्हिसल ब्लोअर ने एस्सार ग्रुप के रुइया ब्रदर्स पर भी बैंक से अनुचित फायदा उठाने का आरोप लगाया है।