इस बिक्री के बाद याहू का एक ऑपरेटिंग कंपनी के तौर पर सफर भी खत्म हो जाएगा। इसके बाद याहू केवल याहू जापान में 35.5 फीसदी के साथ ही साथ चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग कंपनी में 15 फीसदी हिस्सेदारी की मालिक रह जाएगी। सूत्रों ने बताया कि याहू का मानना है कि खरीदार के तौर पर वेरीजॉन उसे ज्यादा वैल्यू प्रदान कर सकता है, लेकिन दोनों कंपनियों के बीच बातचीत अभी भी जारी है और अभी तक कोई भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक याहू जुलाई के अंत तक अपने प्रमुख बिजनेस की बिक्री का सौदा पूरा करना चाहेगी।
ब्लूमबर्ग न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि याहू को खरीदने की दौड़ में वेरीजॉन सबसे आगे है और यह सौदा 5 अरब डॉलर में होने की उम्मीद है। याहू के बिजनेस को खरीदने वालों में वेरीजॉन की प्रतिस्पर्धी एटीएंडटी, वारेन बफेट और क्विकेन लोन फाउंडर डैन गिलबर्ट के नेतृत्व वाला कंसोर्टियम, प्राइवेट इक्विटी फर्म टीपीजी कैपिटल एलपी और वेक्टर कैपिटल और साइकामोर पार्टनर्स का कंसोर्टियम शामिल हैं। गूगल, फेसबुक इंक, अमेजन और अन्य नई कंपनियों से याहू को कड़ी टक्कर मिल रही है और याहू इस प्रतिस्पर्धा में काफी पिछड़ गया है।