न्यूयार्क। इंटरनेट की दुनिया पर राज करने वाले Yahoo का सफर खत्म हो गया है। अमेरिकी कंपनी वेरीजोन कम्युनिकेशंस ने Yahoo के कोर बिजनेस को लगभग 4.83 अरब डॉलर (32.5 हजार करोड़ रुपए) में खरीद लिया है। किसी समय इंटरनेट का पहचान रही याहू का एकीकरण एओएल में कर दिया जाएगा। इंटरनेट की दुनिया में अपने झंड़े गाड़ने वाली कंपनी याहू की शुरुआत 1994 में स्टेनफोर्ड कॉलेज के छात्र जेरी येंग और डेविड फिलो ने की थी। 2008 में याहू ने माइक्रोसॉफ्ट की 44 बिलयन डॉलर की डील ठुकरा दी थी। गूगल, फेसबुक इंक, ऐमजॉन और अन्य नई कंपनियों से याहू को कड़ी टक्कर मिल रही थी और याहू इस प्रतिस्पर्धा में काफी पिछड़ गया था।
वेरीजोन ने एक बयान में कहा है कि इस सौदे में याहू की नकदी, अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग्स में इसके शेयर, याहू जापान में इसके शेयर, याहू के परिवर्तनीय नोट, कुछ छोटे निवेश तथा याहू के गैर-प्रमुख पेटेंट (एक्सकेलिबर पोर्टफोलियो) शामिल नहीं है। इसके अनुसार उक्त संपत्तियां याहू के पास ही बनी रहेंगी जो कि सौदा पूरा होने पर अपना नाम बदल लेगी। वेरीजोन के साथ सौदे के बारे में याहू के शेयरधारकों, नियामकीय व अन्य मंजूरी ली जानी हैं। सौदा 2017 की पहली तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है जबकि तब तक याहू स्वतंत्र कंपनी के रूप में काम करती रहेगी।
वेरीजोन के चेयरमैन व सीईओ लावेल मैकएडम ने कहा है, याहू के अधिग्रहण से वेरीजोन एक शीर्ष वैश्विक मोबाइल मीडिया कंपनी के रूप में बहुत प्रतिस्पर्धी स्थिति में आ जाएगी। इससे डिजिटल विग्यापन में हमारा राजस्व बढेगा। इस डील के बाद ऑपरेटिंग कंपनी के तौर पर याहू की पहचान खत्म हो गई। याहू का याहू जापान में बस 35.5 पर्सेंट स्टेक बच कर रह गया है।
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