नई दिल्ली। भारत सरकार के इस नए कदम से भारतीय नागरिकों को एक बहुत बड़ी सुविधा मिलने जा रही है। अब कोई भी ड्राइवर या घरेलू काम के लिए मेड को नौकरी पर रखने से पहले उनके आधार कार्ड से उनका वेरीफिकेशन स्वयं कर सकेगा। सरकार ने आधार ऑथेंटीकेशन सिस्टम का दायरा बढ़ाने की योजना बनाई है। अभी तक किसी व्यक्ति के वेरीफिकेशन में इसका उपयोग बैंक और कुछ सरकारी विभाग ही कर रहे हैं, लेकिन जल्द ही इसकी अनुमति इंजीविजुअल्स और प्राइवेट कंपनियों को भी दी जाएगी। ऐसा करने के लिए प्राइवेसी से जुड़ी सभी चिंताओं को और अधिक सुरक्षित तरीके से दूर किया जाएगा।
एक छोटी से फीस देकर कोई भी यूनिक आइडेंटिटी नंबर का उपयोग करने में सक्षम होगा और वह दूसरे की जानकारी को वेरीफाई कर सकेगा। इसे ऑनलाइन रियल टाइम बेसिस पर किया जा सकेगा, जैसे के अन्य पहचान प्रमाण पत्र जैसे वोटर कार्ड, राशन कार्ड और पैन कार्ड को वेरीफाई करते हैं। कंपनियां भी इस सर्विस के जरिये अपने कंज्यूमर और स्टाफ के रिकॉर्ड को भी ऑथेंटीकेट कर सकेंगी।
यूनिक आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) एक थर्ड पार्टी एजेंसी को नियुक्त करने पर विचार कर रही है, जो इंडीविजुअल्स और कंपनियों की ओर से ऑथेंटीकेशन करेगी। यह कदम हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधार का उपयोग बढ़ाने का सुझाव देने के बाद उठाया गया है। जहां तक प्राइवेसी की बात है, नए ऑथेंटीकेशन सिस्टम ईकेवायसी नियमों से अलग तरीके से काम करेगा, मौजूदा नियमों का उपयोग सरकारी विभाग और बैंक कर रहे हैं। नए सिस्टम में यूजर एजेंसी को आधार नंबर के साथ ही संबंधित व्यक्ति का बायोमेट्रिक्स डालना होगा इसके बाद यूआईडीएआई सर्वर उस व्यक्ति का नाम, पता और अन्य जानकारी उपलब्ध कराएगा।
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जब इस सर्विस को प्राइवेट कंपनियों और नागरिकों के लिए खोला जाएगा, तब आधार पत्र पर बार कोड को केवल स्कैंड करना होगा और इसमें समाहित डाटा को वेरीफिकेशन के लिए आधार डाटाबेस में भेजा जाएगा और इसके प्रतिउत्तर में केवल हां या ना का जवाब आएगा। सूत्रों ने बताया कि ऑथेंटीकेशन का यह सबसे सुरक्षित तरीका होगा, क्योंकि यहां यूआईडी डाटाबेस से नागरिकों की कोई भी जानकारी ट्रांसफर नहीं की जाएगी। यूआईडीएआई के मुताबिक यहां 330 ऑथेंटीकेशन यूजर एजेंसी हैं और जबसे यह सर्विस शुरू हुई है तब से कुल 111 करोड़ ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। अभी तक तकरीबन 20 कंपनियों ने आधार ऑथेंटीकेशन सर्विस के लिए हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर भारती एयरटेल, वोडाफोन और बीएसएनएल के साथ ही साथ फाइनेंशियल सर्विसेस फर्म जैसे मास्टरकार्ड और वीजा शामिल हैं।