नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि फास्टैग (FASTag) के कार्यान्वयन की समय-सीमा को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वाहन मालिकों को तुरंत इस ई-भुगतान सुविधा को अपनाना चाहिए। फास्टैग टोल प्लाजाओं पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। इसे 2016 में पेश किया गया था। फास्टैग अनिवार्य बनाने से यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी कि वाहनों को टोल प्लाजा के माध्यम से बिना रुके गुजरने की सुविधा दी जाए।
गडकरी ने नागपुर हवाईअड्डे पर फास्टैग को लेकर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार ने फास्टैग पंजीकरण की समय-सीमा को दो-तीन बार बढ़ाया है और अब इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। अब हर किसी को तुरंत फास्टैग खरीदना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ मार्गों पर फास्टैग का पंजीकरण 90 प्रतिशत हो गया है और केवल 10 प्रतिशत लोग ही बचे हैं। उन्होंने कहा कि टोल नाकों पर भी फास्टैग उपलब्ध है और लोगों को इसका इस्तेमाल सहज यातायात के लिए करना चाहिए। केंद्र सरकार ने वाहनों के लिए अनिवार्य फास्टैग की समय-सीमा एक जनवरी 2021 से बढ़ाकर 15 फरवरी 2021 कर दी थी।
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बीमाधारकों को दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए मिले डिजिलॉकर सुविधा
बीमा क्षेत्र के नियामक इरडा ने बीमा कंपनियों से अपने पॉलिसीधारकों को डिजिटल पॉलिसी जारी करने और इनका उपयोग करने का तरीका बताने को कहा है। नियामक ने कहा कि यह कदम न सिर्फ लागत कम करेगा बल्कि दावे को निपटाने की प्रक्रिया भी तेज करेगा।
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भारतीय बीमा विनियामक प्राधिकरण (इरडा) ने जीआईसी आरई, लॉयड्स (इंडिया) और एफआरबी (विदेशी री-इंश्योरेंस ब्रांच) को छोड़कर सभी बीमा कंपनियों को जारी एक परिपत्र में कहा कि डिजिलॉकर लागत में कटौती करेगा। यह पॉलिसी कॉपी की डिलीवरी न होने से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने, बीमा सेवाओं के तेज प्रसंस्करण, शीघ्रता से दावों के निपटान, विवादों में कमी, धोखाधड़ी पर लगाम, उपभोक्ताओं तक बेहतर पहुंच समेत कई सुधारों का मार्ग प्रशस्त करेगा। इरडा ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिलने की उम्मीद है।