नई दिल्ली। बढ़ती घरेलू मांग के कारण अक्टूबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में भारत का वनस्पति तेल का आयात रिकॉर्ड 1.5 करोड़ टन के स्तर को छू जाने की संभावना है। भारत ने तेल विपणन वर्ष 2014-15 (नवंबर से अक्टूबर) में एक करोड़ 46.1 लाख टन वनस्पति तेल का आयात किया था। भारतीय सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स संघ (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने पीटीआई भाषा को बताया, चालू तेल वर्ष के शेष तीन महीने में हमें करीब 12 से 13 लाख टन वनस्पति तेल का आयात करने की उम्मीद है।
मेहता ने कहा इसलिए वनस्पति तेल का कुल आयात वर्ष 2015-16 में 1.5 करोड़ टन का होगा। उन्होंने कहा कि वनस्पति तेल की घरेलू मांग बढ़कर दो से 2.1 करोड़ टन होने की उम्मीद है। मेहता ने कहा कि पहले संघ ने आयात के बढ़कर 1.55 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया था। रिफाइंड खाद्य तेल के बढ़ते आयात के साथ मेहता ने मांग की कि कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेल के बीच के अंतर को मौजूदा 7.5 प्रतिशत के अंतर को दोगुना कर 15 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए। मौजूदा समय में कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क 12.5 प्रतिशत का लगता है जबकि रिफाइंड खाद्य तेल पर यह शुल्क 20 प्रतिशत है।
घरेलू रिफाइनिंग क्षेत्र की क्षमता का कम उपयोग हो पाने के कारण जुलाई में वनस्पति तेलों :खाद्य एवं अखाद्य तेलों को मिलाकर: का आयात 24 प्रतिशत घटकर 11.4 लाख टन रह गया। चालू विपणन वर्ष के पहले नौ महीनों में वनस्पति तेलों का आयात पांच प्रतिशत बढ़कर 1.09 करोड़ टन हो गया जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में एक करोड़ 3.5 लाख टन था। नवंबर से जुलाई की अवधि के दौरान कुल आयात में से खाद्य तेलों का आयात एक करोड़ 7.8 लाख टन का और अखाद्य तेलों का आयात 11.5 लाख टन का हुआ था।