नई दिल्ली। खनन क्षेत्र के दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल ने कहा है कि उनकी कंपनी वेदांता लिमिटेड तेल एवं गैस उत्पादन दोगुना कर 4,00,000 बैरल प्रतिदिन करने के लिये अगले तीन से चार साल में 6 अरब डालर निवेश करेगी। लेकिन इसके लिए कंपनी चाहती है कि सरकार राजस्थान तेल क्षेत्र की लाइसेंस अवधि बिना किसी शर्त के विस्तार करे। वह यह भी चाहते हैं कि सरकार बाड़मेर से उत्पादित कच्चे तेल के निर्यात की अनुमति दे ताकि कंपनी को उपयुक्त दाम मिल सके।
अनिल अग्रवाल ने कहा कि,
मुझे लगता है कि दुनिया नहीं चाहती कि भारत तेल का उत्पादन करे। वह भारत को तेल की आपूर्ति करते रहना चाहते हैं।
अग्रवाल उन मुख्य कार्यपालक अधिकारियों में शामिल हैं जिन्होंने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ घरेलू उत्पादन बढ़ाने को लेकर चर्चा की। बैठक में देश एवं विदेश की प्रमुख तेल एवं गैस कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने मुलाकात की। उन्होंने कहा कि भारत में 70 अरब बैरल संसाधन हैं जिसका उत्पादन 35 साल में किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें : 14 लाख इकाइयों ने अभी तक दाखिल नहीं किया GSTR-1, सरकार ने तारीख बढ़ाने से किया इनकार
अग्रवाल ने कहा कि उपयुक्त नीति हो और सरल तरीके से मंजूरी बिना किसी देरी के दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि पर्यावरण मंजूरी को छोड़कर किसी अन्य मंजूरी की जरूरत नहीं है। वेदांता लिमिटेड के प्रमुख ने कहा उसने केयर्न के अधिग्रहण में जो पूंजी खर्च की, उसकी वसूली अब तक नहीं हो पाई है। कंपनी ने 2011 में केयर्न इंडिया का अधिग्रहण किया।
उन्होंने कहा, लेकिन हम और निवेश कर रहे हैं। हम तेल एवं तेल समतुल्य गैस उत्पादन दोगुना कर 4,00,000 बैरल प्रतिदिन करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में 40,000 करोड़ रुपए और निवेश कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वेदांता लिमिटेड ने 1,84,000 बैरल तेल एवं तेल समतुल्य गैस बीओईपीडी का उत्पादन किया। राजस्थान ब्लॉक से 1,56,278 बीओईपीडी उत्पादन हुआ।
यह भी पढ़ें : अर्थशास्त्र का नोबेल जीतने वाले रिचर्ड थैलर कर चुके हैं नोटबंदी का समर्थन, भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए बताया था पहला कदम
अग्रवाल ने सुझाव दिया कि सरकार को राजस्थान फील्ड का अनुबंध मई 2020 के बाद बिना किसी शर्त के बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह विस्तार स्वत: होना चाहिए। लोग आएंगे और तभी निवेश करेंगे जब नीति एवं शर्तें बीच में नहीं बदले। अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान से कच्चे तेल को वैश्विक बाजार में उसी गुणवत्ता के तेल के मुकाबले 15 प्रतिशत छूट पर बेचा जा रहा है।
उन्होंने कहा, हम वास्तव में निर्यात नहीं कर रहे लेकिन अगर निर्यात मंजूरी हो तो। सरकार को इससे काफी लाभ होगा क्योंकि इससे मिलने वाली 80 प्रतिशत कीमत कर और सांविधिक शुल्क के रूप में उन्हीं के पास जाएगी। अग्रवाल ने कहा कि वेदांता आज देश में उत्पादित कच्चे तेल का 27 प्रतिशत उत्पादन करता है और हम इसे 50 प्रतिशत करना चाहते हैं जिसके लिये हमें अनुकूल नीति की जरूरत होगी।