नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के नियंत्रण वाली वेदांता ने मंगलवार को कहा कि उसे खुद को शेयर बाजार से डीलिस्ट यानी अलग करने के लिए बीएसई और एनएसई से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने बताया कि अंतिम मंजूरी मिलने के बाद वेदांता की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्स लिमिटेड (वीआरएल) और उसकी सहायक कंपनियां डीलिस्टिंग पेशकश के बारे में सार्वजनिक घोषणा करेंगी।
वेदांता ने शेयर बाजार को बताया कि बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने अपने 28 सितंबर 2020 के पत्र में डिलिस्टिंग पेशकश को सैद्धांन्तिक मंजूरी दी है। वेदांता रिसोर्सेज और इसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अप्रत्यक्ष सहायक कंपनियां वेदांता होल्डिंग्स मॉरीशस और वेदांता होल्डिंग्स मॉरीशस ने भी मंगलवार को इस पेशकश के संबंध में घोषणा की।
सिगाची इंडस्ट्रीज ने आईपीओ के लिए सेबी के पास मसौदा प्रस्ताव दाखिल किया
हैदराबाद स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज ने लगभग 60 करोड़ रुपए जुटाने के लिए अपने प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) का मसौदा प्रस्ताव बाजार नियामक सेबी के पास दाखिल किया है। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार आईपीओ के तहत 10 रुपए अंकित मूल्य के 28,41,500 ताजा शेयरों की पेशकश की जाएगी।
कंपनी माइक्रोक्रिस्टलाइन सेलुलोज (एसीसी) का विनिर्माण करती है, जिसका दवा उद्योग में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। आईपीओ से मिली धनराशि से कंपनी गुजरात में अपने संयंत्रों की क्षमता बढ़ाएगी।
जीई टीएंडडी को उधारी सीमा 1,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने की मिली मंजूरी
बिजली पारेषण और वितरण क्षेत्र की कंपनी जीई टीएंडडी ने बताया कि उसे उधारी सीमा को दोगुनी कर 1,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिली है। कंपनी ने बताया कि सोमवार को आयोजित कंपनी की 64वीं आम बैठक में एक विशेष प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसके तहत कुल मिलाकर 1,000 करोड़ रुपए तक उधार लेने की इजाजत दी गई। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि आम बैठक में सभी प्रस्तावों को अपेक्षित बहुमत के साथ पारित किया गया।