नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली उत्पादन कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) ने सोमवार को उत्तराखंड में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा की वजह से उसके तपोवन-विष्णुगढ़ हाइडल प्रोजेक्ट के निर्माण में लगी एजेंसी के मृत श्रमिकों के परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
एनटीपीसी ने तपोवन परियोजना में प्राकृतिक आपदा के मुआवजे के निपटारे के लिए आवश्यक सभी प्रक्रियाओं को तेज कर दिया है। एनटीपीसी अपनी परियोजना के निर्माण में लगी एजेंसी के मृत श्रमिकों के परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है। एनटीपीसी की समर्पित टीमें बचाव दलों की सहायता करते हुए पूरे बचाव अभियान का प्रबंधन कर रही हैं। कंपनी ने कार्य की गति बढ़ाने के लिए हाई एंड सबमर्सिबल स्लश रिमूवल पंपों सहित आधुनिक मशीनरी एवं उपकरणों का भी उपयोग कर रही है।
एनटीपीसी के प्रवक्ता आरपी जायदा ने बताया कि आपदा में मारे गए श्रमिकों के परिवार को मुआवजा राशि का भुगतान करने की प्रक्रिया अभी तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि परियोजना स्थल पर एक कार्यदल का गठन किया गया है, जो स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा और प्रत्येक लापता श्रमिक के बारे में आवश्यक जानकारी जुटाएगा।
उन्होंने कहा कि टनल के अंदर फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना स्थल पर युद्धस्तर का बचाव अभियान चलाया जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि बचाव व राहत कार्य में लगी एजेंसियों को रियल-टाइम जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रवक्ता ने बताया कि एनटीपीसी, टीएचडीसी, सीआईएसएफ, यूपीएनएल और इनकी सहयोगी इकाइयों के इंजीनियर्स, अधिकारी, वैज्ञानिक और भू-वैज्ञानिकों की 325 लोगों की एक टीम परियोजना स्थल पर बचाव व राहत कार्य में लगी हुई है।
सोमवार को तपोवन टनल में से 3 और शव बरामद हुए हैं। इसके बाद उत्तराखंड में हिमस्खलन से मरने वालों की संख्या 53 हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक 7 फरवरी को आए हिमस्खलन के बाद से 150 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। अलकनंदा नदी के ऊपरी हिस्से में हिमस्खलन की वजह से यह आपदा आई थी।