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USTR places India on Priority Watch List for IP rights violations
वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत को बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों के उल्लंघन के लिए ऐसे देशों की सूची में रखा है, जिनकी वह इस मामले में प्राथमिकता के साथ निगरानी करेगा। अमेरिका का कहना है कि भारत ने अपने यहां बौद्धिक संपदा संरक्षण व्यवस्था को लेकर लंबे समय से चली आ रही शिकायतों से निपटने की दिशा में अभी कोई उल्लेखीय सुधार नहीं किया है। इससे अमेरिकी पेटेंटधारकों का अधिकार प्रभावित हुआ है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधित्व (यूएसटीआर) ने अपनी रिपोर्ट में भारत सहित 11 देशों को प्राथमिक निगरानी सूची में रखा है। इस सूची में अन्य देशों में चीन, इंडोनेशिया, रूस, सऊदी अरब और वेनेजुएला शामिल हैं। इसके अलावा यूएसटीआर ने पाकिस्तान और तुर्की सहित 25 देशों को निगरानी सूची में रखा है।
एक अधिकारी ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान भारत ने बौद्धिक संपदा चुनौतियों से निपटने और आईपी संरक्षण एवं प्रवर्तन के कदम उठाए हैं। हालांकि, इनसे नवोन्मेषकों तथा सृजनकर्ताओं को कोई ठोस लाभ नहीं हुआ है। अधिकारी ने कहा कि बौद्धिक संपदा के संरक्षण और प्रवर्तन के मामले में भारत दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से है।
अमेरिका ने कहा कि आईपी से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए इन देशों को यूएसटीआर से द्विपक्षीय संपर्क बढ़ाना होगा। आगामी सप्ताहों में अमेरिका कई साल से प्राथमिक निगरानी सूची में शामिल देशों के प्रावधानों को अपने व्यापार कानून विशेष 301 की कसौटी पर परखेगा।
ऐसे देश, जो अमेरिका की चिंता को दूर करने में विफल पाए जाते हैं उनके खिलाफ वह व्यापारिक कार्रवाई कर सकता है। भारत के बारे में यूएसटीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनियों को लंबे समय से भारत में आईपी से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे विशेषरूप से वहां फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र के नवोन्मेषकों को पेटेंट पाने और उसे कायम रखने में दिक्कतें आ रही हैं।