नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम कंपनियों को बिना नीलामी के आवंटित स्पेक्ट्रम का नए उदार नियमों के तहत इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। उन्हें इसके लिए नियामक ट्राई की सफारिश वाले मूल्य चुकाने होंगे और उसका बाजार मूल्य तय होने पर, कंपनियों को जो भी बकाया मूल्य होगा उसका भुगतान करना होगा।
सरकार के इस फैसले से निजी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) चार सर्किलों में अपने स्पेक्ट्रम का उदारीकरण 1300 करोड़ रुपए जमा करा कर कर सकेगी। इन चार सर्किलों में स्पेक्ट्रम का आवंटन बिना नीलामी के किया गया था।
स्पेक्ट्रम उदारीकरण के तहत दूरसंचार कंपनियों को अपने पास उपलब्ध स्पेक्ट्रम से 3जी व 4जी जैसी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए किसी भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की छूट है। वे नई टेक्नोलॉजी ला सकेंगी तथा स्पेक्ट्रम के अच्छे से अच्छे उपयोग के लिए वे दूसरी कंपनियों के साथ स्पेक्ट्रम का लेन-देन और इसको साझा कर सकती हैं। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा, मंत्रिमंडल के इस फैसले का मतलब है कि सरकार द्वारा प्रशासनिक रूप से आवंटित स्पेक्ट्रम जहां भी उपलब्ध होगा, और जिसको उदार नियमों के तहत इस्तेमाल की मांग होगी और यदि उसका बाजार निर्धारित मूल्य उपलब्ध नहीं होगा तो इस तरह के मामलों में कीमत के लिए नीलामी पर ट्राई की सिफारिश को अस्थायी कीमत के रूप में स्वीकार कर लिया जाएगा और वास्तविक नीलामी के बाद बकाया राशि की वसूल की जाएगी।
specदूरसंचार विभाग की मध्य जुलाई तक स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू करने की योजना
आरकॉम ने कई महीने पहले 20 सर्किलों में 800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के उदारीकरण के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने 16 दूरसंचार सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम उदारीकरण के रूप में 5,383.84 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। सरकार की मंजूरी के बाद आरकॉम चार सर्किलों (केरल, कर्नाटक, राजस्थान व तमिलनाडु) में अपने स्पेक्ट्रम को उदारीकृत व्यवस्था के तहत प्रयोग कर सकेगी। इसके लिए उसे लगभग 1300 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा।