नयी दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी ने कहा है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी का ऊर्जा, परिवहन, विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे परंपरागत क्षेत्रों में एकीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन परंपरागत क्षेत्रों में डिजिटल प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिए जाने से 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि एक संभावना बन सकती है।
पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया (पीएएफआई) के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए साहनी ने कहा कि भारतीय आईटी उद्योग ने खुद को नए वातावरण के हिसाब से तेजी से ढाला है। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप आज वैक्सीन का पासपोर्ट बन चुकी है। साहनी ने कहा कि सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर उत्पादों का विनिर्माण बढ़ाने की जरूरत है, जिससे हम विभिन्न देशों से आयात पर निर्भरता कम कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘उद्यमियों और कंपनियों को इस दिशा में आक्रामक तरीके से आगे बढ़ना होगा।’’ उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर उत्पादों पर राष्ट्रीय नीति से उल्लेखनीय वृद्धि को प्रोत्साहन मिला है। हमारा मानना है कि अगले 5-10 साल में सॉफ्टवेयर में वृद्धि का प्रमुख क्षेत्र बनने की क्षमता है। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर साहनी ने कहा, ‘‘महामारी से रफ्तार कुछ धीमी पड़ी है, लेकिन हमारी महत्वाकांक्षा अगले पांच साल या आगे सालाना आधार पर 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हासिल करने की है।’’ उन्होंने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत कई प्रमुख ब्रांडों ने हाल के समय अपनी इकाइयां स्थापित की हैं। हम कलपुर्जा विनिर्माण पर प्रोत्साहन देने को प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि ये कलपुर्जे बड़ी संख्या में उत्पादों में काम आते हैं।