वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा है कि वह चीन से चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर सख्ती से सवाल पूछे। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने इस अरबों डॉलर की परियोजना पर कड़ा हमला बोलते हुए दावा किया कि इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।
चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) सड़क, रेलवे और ऊर्जा परियोजनाओं का एक योजनागत तरीके से तैयार नेटवर्क होगा। यह चीन के संसाधन संपन्न शिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र को अरब सागर पर पाकिस्तान के रणनीतिक ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा। सीपीईसी की शुरुआत 2015 में शी जिनपिंग की पाकिस्तान यात्रा के दौरान हुई थी। अब चीन इसके तहत पाकिस्तान में विभिन्न विकास परियोजनाओं में 50 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहा है।
अमेरिका के दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने गुरुवार को कहा कि हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान ऋण, जवाबदेही, निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर चीन से सख्ती से सवाल करेगा। उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह चीन से सवाल करे कि वह पाकिस्तान में विकास मॉडल को क्यों आगे बढ़ा रहा है। यह चीन की खुद की आर्थिक प्रगति के लिए अपनाए गए रुख का उलट है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जनता को यह क्यों नहीं पता है कि सीपीईसी सबसे महंगी परियोजना है। कैसे इसके लिए कर्ज तय किया गया है। वेल्स ने कहा कि पाकिस्तान को सवाल करना चाहिए कि चीन के वित्तपोषण से दीर्घावधि में उसपर क्या प्रभाव पड़ेगा।
वेल्स ने कहा कि सीपीईसी में पाकिस्तानी कंपनियों और श्रमिकों के बजाये चीनी कंपनियों और वहां के लोगों को ठेके व रोजगार दिया जा रहा है। सीपीईसी में चीनी श्रमिक लाए जा रहे हैं, जो पाकिस्तान में पैसा कमाते हैं और उसे वापस चीन में लेकर जाते हैं।