नई दिल्ली। देश की आईटी कंपनियों के लिए H1B वीजा को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिका ने भारत को भरोसा दिलाते हुए कहा कि H1B वीजा नियमों को कड़ा करना उनकी प्राथमिकता नहीं है। हालांकि, यह डोनल्ड ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन पॉलिसी के बड़े अजेंडे का एक हिस्सा रहेगा। आपको बता दें कि भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका की विजिटिंग कॉमर्स सेक्रटरी रीता तेवतिया और भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर के साथ एच-1बी वीजा पर बातचीत हो रही है।
विजिटिंग कॉमर्स सेक्रटरी रीता तेवतिया ने कहा
भारत के टेक सेक्टर का अमेरिका में योगदान महत्वपूर्ण है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि एच-1बी वीजा का मुद्दा प्रमुखता में नहीं है। इमिग्रेशन के मुद्दे पर अमेरिका काम कर रहा है। हर मुद्दा अपने आप में अलग है। तेवतिया ने कहा कि अब तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है, इमिग्रेशन के बड़े अजेंडे का यह भी एक हिस्सा है।
भारत ने H1B वीजा पर दी है कड़ी प्रतिक्रिया
- जयशंकर ने कहा, यदि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी कंपनियों को वापस स्वदेश लाना चाहता है। विदेशी निवेश में इजाफा करना चाहता है और नजदीक भविष्य में ग्रोथ को बढ़ाना चाहता है तो उसे अपनी इकॉनमी को प्रतिस्पर्धी बनाना होगा। ऐसा न करने की स्थिति में वह ग्रोथ की दिशा को खो देगा।
ट्रंप प्रशासन से शुरू हुई बातचीत
- विदेश सचिव एस जयशंकर के साथ एच-1बी वीजा पर ट्रंप प्रशासन से बातचीत के लिए पहुंचीं रीता ने कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ पूरी ताकत से मुद्दे को उठाया है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ही मदद मिलती है और वह दुनिया की प्रतिस्पर्धी इकॉनमी के तौर पर मजबूत होती है।
- अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों, कॉमर्स सेक्रटरी विलियम रॉस, होमलैंड सिक्यॉरिटी सेक्रटरी जॉन केली और कांग्रेस लीडरशिप से मुलाकात में यह संदेश देने का प्रयास किया कि H1B वीजा ट्रेड और सर्विस कैटिगिरी में आता है।
H1B वीजा की प्रीमियम प्रॉसेसिंग हुई सस्पेंड
- अमेरिका ने H-1B वीजा की प्रीमियम प्रॉसेसिंग को सस्पेंड कर दिया है। ऐसे में याचिकाकर्ता I-907 फॉर्म नहीं भर पाएंगे। 3 अप्रैल, 2017 से यूएससीआईएस ने सभी एच-1बी वीजा की प्रीमियम प्रॉसेसिंग को सस्पेंड कर दिया है, यह निलंबन 6 महीने तक के लिए है।
क्या है H1B वीजा?
- H1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जिसके जरिए अमेरिकी कंपनियों को अपने टेक्निकल और अन्य एरिया में फॉरेन वर्कर्स को अपने यहां काम पर रखने की इजाजत है।
- अमेरिका भारतीयों के लिए हर साल 65 हजार H-1B वीजा जारी करता है। भारत की आईटी कंपनियां भी इस मुद्दे पर ट्रम्प सरकार के रुख से चिंतित हैं।