नयी दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR ) पर अमेरिका की स्पेशल 301 रिपोर्ट का विरोध करते हुए इसे एकतरफा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को दूसरे देश की संप्रभुता में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने पिछले महीने जारी स्पेशल 301 रिपोर्ट के जरिए भारत को आईपीआर के लिए निगरानी की अपनी प्राथमिकता सूची में बरकरार रखा है। इस लिहाज से निर्मला की टिप्पणी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ऐसा आरोप लगाया जाता है कि भारत की IPR प्रणाली वैश्विक नियमों का अनुपालन नहीं करती है जबकि भारत सभी मंचों पर इस आरोप का खंडन करता रहा है। सीतारमण ने कहा कि मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगी कि स्पेशल 301 रिपोर्ट एक एकतरफा रिपोर्ट है जो अमेरिका तैयार करता है। वास्वत में कहूं तो, किसी भी देश को अन्य अन्य देश की संप्रभु स्थिति में हस्तक्षेप का और उसके निरीक्षण, निगरानी का अधिकार किसी दूसरे देश के पास नहीं है।
क्या अमेरिका अपनी आगामी रिपार्ट तैयार करते समय भारत द्वारा घोषित नई राष्ट्रीय IPR नीति पर विचार करेगा, यह पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा कि अमेरिका जो भी फैसला करेगा वे उसको लेकर मैं चिंतित नहीं हूं। उन्होंने कहा, हम उन्हें कोई तरजीह नहीं दे रहे क्योंकि वह रिपार्ट साझी सहमति से तैयार नहीं की जाती। मैं उसको लेकर चिंतित नहीं हूं। उल्लेखनीय है कि विकसित देशों ने भारतीय पेटेंट कानून 1970 की धारा तीन तथा अनिवार्य लाइसेंसिंग को लेकर सवाल उठाए हैं और उनका कहना है कि ये नियम नवोन्मेष को सीमित करते हैं।
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