नई दिल्ली। अमेरिका कुछ प्रभावशाली सांसदों ने भारत में सूखी मटर पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा को अनुचित व्यापारिक कदम बताया है और ट्रंप सरकार से इसे टलवाने या रद्द करवाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि भारत के इस अप्रत्याशित कदम से अमेरिका में भाव टूट गए हैं और के कई राज्यों के मटर उत्पादकों को नुकसान हुआ है।
अमेरिका के सूखे मटर उत्पादक राज्यों मोंटाना, इदाहो, नॉर्थ डकोटा और वाशिंगटन के इन आठ सांसदों ने इस बाबत कृषि मंत्री सोनी परड्यू और व्यापार मंत्री रॉबर्ट लाइटहाइजर को पत्र लिखा है। इनमें सांसद स्टीव डैनेस, जॉन टेस्टर, जेम्स रिस्च, हेइदी हीटकैंप, जॉन होएवन, मारिया कैंटवेल, मिरे क्रापो और पैटी मरे शामिल हैं। मीडिया के सामने आज सार्वजनिक किये गये इस पत्र में कहा गया है , ‘‘भारत अमेरिकी सूखी मटर का सबसे बड़ा बाजार है। उसने बिना सूचना दिए ही उस पर आयात शुल्क लगा दिया है जिससे अमेरिका में इसकी कीमतें टूट गयी हैं।’’
उन्होंने कहा है कि जिन निर्यातकों का माल अभी अभी रास्ते में है, उन्हें खेप वहां पहुंचते ही नये शुल्क के कारण वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। सांसदों ने कहा, ‘‘इस निर्णय को टाला या रद्द नहीं किया गया तो इसका अमेरिकी सूखे मटर उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसके शुरुआती प्रभाव को रोकने के लिए हम अपील करते हैं कि भारत सरकार से निर्णय बदलने का या कम से कम 90 दिनों के लिए टालने का अनुरोध किया जाए ताकि मौजूदा सौदों की खेप वहां पहुंच सके।
उल्लेखनीय है कि भारत मटर तत्काल प्रभाव से 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की आठ नवंबर को घोषणा की थी। इसमें वर्तमान सौदों के तहत रास्ते में आ रही खेप को भी शामिल किया गया है। भारत अमेरिका से प्रति वर्ष औसतन दो लाख टन सूखे मटर की खरीदता है। यह अमेरिका की सूखी मटर के कुल निर्यात का 30 प्रतिशत है।