वॉशिंगटन। चीन और भारत के साथ व्यापार युद्ध शुरू करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप की नजर अब पाकिस्तान पर है। नकदी संकट में फंसे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) में राहत पैकेज के लिए हुए समझौते की खबरों के बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को सशर्त वित्तीय मदद देने पर जोर दिया है।
पाकिस्तान ने पिछले महीने 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए आईएमएफ के साथ समझौता किया था। इस राशि का उपयोग पाकिस्तान अपने वित्तीय संकट को दूर करने और धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में करेगा।
अमेरिका ने मुद्राकोष जैसे वैश्विक ऋणदाताओं को आगाह किया है कि पाकिस्तान वित्तीय मदद का उपयोग चीन से लिए कर्ज को चुकाने में कर सकता है। अमेरिकी के विदेश विभाग की वरिष्ठ अधिकारी (दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों) एलिस जी वेल्स ने कहा कि सशर्त पैकेज को लेकर चर्चा है। हमें लगता है कि पाकिस्तान के लिए सशर्त आईएमएफ पैकेज उपयुक्त होगा।
सांसदों के प्रश्न के जवाब में पिछले हफ्ते उन्होंने विदेश मामलों की उपसमिति को बताया कि अमेरिका को आईएमएफ पैकेज के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार एक समझौते पर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से इसे लेकर हमने अपनी सख्त प्रतिक्रिया दी है।
वेल्स ने डॉ शकील अफरीदी की रिहाई तक पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाले कर्ज में बाधा पहुंचाने की कोशिश की खबरों को खारिज कर दिया। शकील अफरीदी ओसामा बिन लादेन को ढूंढने में अमेरिकी एजेंसी सीआईए की मदद करने के आरोप में जेल में हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अफरीदी की गिरफ्तारी गलत और अनुचित है। संसद की मदद से हमने पहले ही पाकिस्तान की 30 करोड़ डॉलर की सहायता रोक दी है।