नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फरवरी में भारत का दौरा कर सकते हैं। दोनों देश अभी इस यात्रा को लेकर संभावित तारीखों पर चर्चा कर रहे हैं। यह पहली दफा होगा जब ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर भारत का दौरा करेंगे। अभी तक इस बात की पुष्टि किसी भी देश ने नहीं की है।
इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका 2018 से अटके व्यापार सौदे पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को यह उम्मीद है कि ट्रम्प अपने भारत दौरे के दौरान भारत के जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) स्टेट्स को बहाल कर सकते हैं।
ऐसी भी खबरें हैं कि इस साल नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रम्प भी भारत का दौरान करने के इच्छुक हैं। हालांकि, ट्रम्प का यह दौरा अमेरिकी सीनेट द्वारा महाभियोग मुकदमे की अवधि पर निर्भर करेगा। यह मुकदमा यदि सिद्ध हो गया तो ट्रम्प को अपना पद गंवाना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून 2017 में हुई अमेरिकी यात्रा के दौरान भारत ने ट्रम्प को देश में आने का निमंत्रण दिया था। बाद में यह निमंत्रण 2019 गणतंत्र दिवस परेड के आमंत्रण के रूप में बदल दिया गया था। हालांकि ट्रम्प ने इसमें आने से मना कर दिया था। आखिरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में भारत का दौरा किया था। वह पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने भारत के गणतंत्र समारोह में शिरकत की थी।
अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष 8.5 प्रतिशत घटकर 296 अरब डॉलर
अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष बीते साल घट गया। 2019 में पूरे साल दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्था व्यापार युद्ध में उलझी रहीं। चीन की ओर से मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बीते साल अमेरिका के साथ उसका व्यापार अधिशेष 8.5 प्रतिशत घटकर 295.8 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले साल यह 323.3 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था।
सीमा शुल्क विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में उसका अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 23.2 अरब डॉलर रहा। इससे पिछले महीने यानी नवंबर में यह 24.6 अरब डॉलर था। चीन बुधवार को अमेरिका के साथ पहले चरण के व्यापार करार पर हस्ताक्षर करने जा रहा है। अंतरिम व्यापार करार के तहत चीन दो साल में अमेरिका से 200 अरब डॉलर का अतिरिक्त सामान खरीदेगा।