वाशिंगटन। अमेरिका ने इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) रूपरेखा को लेकर उल्लेखनीय सुधारों के अभाव में भारत को अपनी प्राथमिकता वाली निगरानी सूची में बरकरार रखा। भारत सरकार द्वारा बीते दो साल में इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी प्रोटेक्शन और एनफोर्समेंट के संबंध में उठाए गए सकारात्मक कदमों के बावजूद अमेरिका ने भारत को अपनी इस निगरानी सूची में बनाए रखा है।
अमेरिका ने यहां अपनी सालाना 301 रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि वह भारत व चीनी को इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) के लिए अपनी प्राथमिकता वाली निगरानी सूची में ही बनाए रखेगा। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) के कार्यालय ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान को इस लिहाज से हालांकि अद्यतन कर प्राथमिकता वाली निगरानी सूची से निगरानी सूची में किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है, भारत सरकार द्वारा आईपीआर संरक्षण व प्रवर्तन के लिए उठाए गए सकारात्मक कदमों और मजबूत भागीदारी के बावजूद भारत इस साल प्राथमिकता वाली निगरानी सूची में बना रहेगा क्योंकि आईपीआर रूपरेखा को लेकर उल्लेखनीय सुधारों का अभाव है।
दूसरी ओर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कम से कम तीन दशक तक 9-10 फीसदी सालाना वृद्धि दर की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा है कि यह भारत-अमेरिका संबंधों को अगले उच्च स्तर पर ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अमिताभ कांत ने यहां अमेरिकन चैंबर ऑफ कामर्स इन इंडिया के एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा, अगर भारत तेजी से वृद्धि जारी रखता है तो भारत-अमेरिका संबंधों में और मजबूती तथा तेजी लाई जा सकती है।
यह भी पढ़ें: अमेरिकी 20 डॉलर के नोट पर होगी दास प्रथा विरोधी आंदोलनकारी हैरियट टबमैन की तस्वीर
यह भी पढ़ें: भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर को धोखाधड़ी के लिए 9 साल की जेल