वॉशिंगटन। अमेरिका ऐसे देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, जो ईरान से अपना तेल आयात कम कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत और तुर्की जैसे देशों को छूट नहीं देगा, क्योंकि इससे तेहरान पर लगे प्रतिबंधों पर दबाव कम हो सकता है।
ईराक और सऊदी अबर के बाद ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। ईरान ने अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान भारत को 1.84 करोड़ टन क्रूड ऑयल की आपूर्ति की है। पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 की ऐतिहासिक ईरान परमाणु संधि से अमेरिका को हटाने का फैसला लिया और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए।
ट्रंप प्रशासन ने विदेशी कंपनियों को ईरानी कंपनियों के साथ अपना कारोबार खत्म करने के लिए 90 या 180 दिन का समय दिया है, यह वाणिज्यिक गतिविधियों के प्रकार पर आधारित होगा। अब वॉशिंगटन भारत और चीन सहित सभी देशों पर दबाव बढ़ा रहा है कि वह 4 नवंबर तक ईरान से पूरी तरह से तेल खरीदना बंद कर दें।
स्टेट डिपार्टमेंट में डायरेक्टर, पॉलिसी प्लानिंग, ब्रेन हुक ने कहा कि हम किसी को भी छूट देने नहीं जा रहे हैं, क्योंकि ऐसा करने से ईरान पर दबाव कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि देश की सुरक्षा का अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए दबाव महत्वपूर्ण है।
हुक ने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का पहला हिस्सा 6 अगस्त से प्रभावी होगा। इसमें ईरान के ऑटोमोटिव सेक्टर, सोने में व्यापार और अन्य प्रमुख धातुओं को शामिल किया गया है। शेष प्रतिबंध 4 नवंबर से प्रभावी होंगे। इन प्रतिबंधों में ईरान के एनर्जी सेक्टर और पेट्रोलियम आधारित लेनदेन और सेंट्रल बैंक ऑफ ईरान के साथ लेनदेन शामिल है।
हुक ने कहा कि हम उन देशों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं जो ईरान के साथ तेल आयात कम कर रहे है। ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग करने की ट्रंप की घोषणा के बाद अमेरिकी अधिकारी दुनिय की तमाम राजधानियों में जाकर राष्ट्रपति ट्रंप के संदेश को बता रहे हैं।
हुक ने कहा कि दुनिया के तमाम देशों ने आतंकवाद से लड़ने में हमारा साथ देने की इच्छा जताई है। हम इन देशों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। हमारा ध्यान इस बात पर है कि ज्यादा से ज्यादा देश जितना जल्दी हो सके ईरान से तेल खरीदी बिल्कुल बंद कर दें। हुक ने कहा कि हम उत्पादक और उपभोक्ता सहित ऑयल मार्केट प्रतिभागियों के साथ मिलकर काम कर हैं ताकि बाजार स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके।