नई दिल्ली। आईटी उद्योग के शीर्ष संगठन नैसकॉम ने कहा कि एच-1बी वीजा पर अमेरिका के नए निर्देशों का भारतीय आईटी कंपनियों पर मामूली असर होगा। संगठन के मुताबिक इस साल उच्च स्तरीय पेशेवरों के लिए वीजा हेतु आवेदन करना शुरू कर दिया है।
अमेरिकी नागरिकता व आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने हाल ही में एक नीतिगत निर्देश जारी किया था। इसके तहत वीजा के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों को पद विशेष के लिए उचित साक्ष्य देने होंगे। नए एच-1बी वीजा निर्देश से दिसंबर 2000 में जारी निर्देश रद्द हो गए हैं।
नैसकॉम ने इस नए घटनाक्रम के असर को एक तरह से कम महत्व देते हुए एक बयान में कहा है कि इस नए निर्देश का नैसकॉम के सदस्यों पर मामूली असर ही होना चाहिए।
अमेरिका ने कंपनियों को किया आगाह
ट्रंप सरकार ने कंपनियों को कड़ी चेतावनी दी है कि वे एच-1बी कामकाजी वीजा कार्यक्रम का दुरूपयोग कर अमेरिकी कामगारों से भेदभाव नहीं करें। इस वीजा कार्यक्रम की भारतीय आईटी कंपनियों व पेशेवरों में भारी मांग है।
कार्यकारी सहायक अटॉर्नी जनरल टाम व्हीलर ने कहा है, न्याय विभाग यह कतई सहन नहीं करेगा कि कंपनियां एच-1बी वीजा प्रक्रिया का इस्तेमाल अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ भेदभाव के लिए करें। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जबकि सरकार ने एक अक्टूबर 2017 से शुरू होने अगले वित्त वर्ष के लिए एच-1 वीजा आवेदन लेना शुरू किया है।