नई दिल्ली/वाशिंगटन। अमेरिका ने H-1B वीजा की प्रीमियम प्रोसेसिंग पर अस्थायी रोक और बढ़ा दी है। प्रीमियम प्रोसेसिंग में वीजा पर कामकाज तेजी से किया जाता है। भारतीय आईटी पेशेवरों में यह काफी लोकप्रिय है। पिछले लंबित मामलों को निपटाने के लिए अमेरिका ने यह कदम उठाया है।
प्रीमियम प्रोसेसिंग के तहत एH-1B वीजा आवेदन से संबंधित छानबीन का कामकाज औसतन छह महीने से घटकर 15 दिन रह जाता है। इसके लिए 1,225 डॉलर (86,181 रुपये) का शुल्क लिया जाता है। इससे कई कंपनियों को काफी फायदा होता है।
अमेरिका के नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) विभाग ने मंगलवार को इस रोक की अवधि आगे और बढ़ाने की घोषणा की। समझा जाता है कि यह रोक अगले साल 19 फरवरी तक जारी रहेगी। प्रीमियम प्रोसेसिंग के तहत USCIS को H-1B वीजा आवेदन पर 15 दिन में अपनी प्रतिक्रिया देनी होती है।