वाशिंगटन। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि उसने ग्रीन कार्ड पाने के लिये जो अंक आधारित प्रणाली शुरू की है उसका एकमात्र मकसद प्रोफेशनल तौर पर कुशल विदेशी कर्मचारियों का हित है। इससे जहां एक तरफ कुशल प्रोफेशनल्स को फायदा होगा वहीं कमजोर और बिना कुशलता वाले लोगों को यह हतोत्साहित करेगा। व्हाइट हाउस ने एक बयान में यह बात कही है। ट्रंप प्रशासन की तरफ से यह बयान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक विधेयक का समर्थन करने की बात कहने के एक दिन बाद आया है।
यह भी पढ़ें : चार साल के निम्नतम स्तर पर फिसला सर्विसेज PMI, GST के क्रियान्वयन का दिखा असर
इस विधेयक के पारित होने पर अमेरिका पहुंचने वाले वैध आव्रजकों की संख्या घटकर आधी रह जाएगी। इसमें पात्रता आधारित प्रणाली का पक्ष लिया गया है जिसमें कि अंग्रेजी बोलने वाला कुशल कर्मचारियों को वहां का निवासी होने की अनुमति दी जाएगी। राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार जेसन मिलर ने कल व्हाइट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने परिवार आधारित आव्रजन को भी सीमित करने का प्रस्ताव किया है। अब परिवार में केवल पत्नी और नवजात बच्चे ही शामिल होंगे।
यह भी पढ़ें :GST में खत्म हो सकते हैं 12% और 18% के टैक्स स्लैब, वित्तमंत्री ने दोनो की जगह एक स्लैब का दिया संकेत
मिलर ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही है। उन्होंने कहा कि अंक आधारित प्रवेश प्रणाली एतिहासिक कदम है। ट्रंप ने अपने भाषणों में अंक आधारित प्रणाली के बारे में चर्चा की है। अंक आधारित इस प्रणाली में यह देखा जाएगा कि आवेदक को अंग्रेजी बोलनी आती है अथवा नहीं, कुछ अन्य कारकों की भी इसमें जांच हो सकेगी।