वाशिंगटन: अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में धीमी पड़कर दो प्रतिशत रही। पिछले साल महामारी के कारण आई मंदी के बाद से जारी पुनरूद्धार के दौरान किसी तिमाही में यह सबसे कम वृद्धि दर है। वाणिज्य विभाग ने बृहस्पतिवार को रिपोर्ट में यह जानकारी दी। उसने कहा कि पिछली दो तिमाहियों में वृद्धि दर 6 प्रतिशत से अधिक रही थी और पिछली तिमाही की वृद्धि दर उससे काफी कम रही। हालांकि, कोविड संक्रमण के मामलों में कमी, टीकाकरण की दर बढ़ने और उपभोक्ता खर्च बढ़ने को देखते हुए कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) मौजूदा चौथी तिमाही में 6 प्रतिशत या उससे अधिक रहेगी।
चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहेगी: रिपोर्ट
भारत की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। बीते वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था और रफ्तार पकड़ेगी। हालांकि, अगले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर घटकर 7.7 प्रतिशत रहेगी।
सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में बीते वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। यूबीएस सिक्योरिटीज ने कहा कि दबी मांग और अनुकूल बाहरी मांग से दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज होगी।
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री तनवीर गुप्ता जैन ने सोमवार को रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि 2021-22 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वास्तविक वृद्धि 9.5 प्रतिशत रहेगी। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर घटकर 7.7 प्रतिशत रह जाएगी। हमारा अनुमान है कि दबी मांग, अनुकूल बाहरी मांग, टीकाकरण की वजह से दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी।’’