वाशिंगटन। अमेरिका ने चीन से कम्प्यूटर कलपुर्जे और कपास समेत पांच उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी है। अमेरिका का कहना है कि चीन में इनका उत्पादन मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में जबरन मजदूरी कैंपों में कराया जाता है। पहले से तनाव में चल रहे अमेरिका और चीन के रिश्तों के बीच कोविड-19 संकट के बाद खटास और बढ़ गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस महामारी के दुनियाभर में फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार बताते हैं। दोनों के बीच रिश्ते हांगकांग की स्वायत्ता, तिब्बत, शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों का उल्लंघन और प्रौद्योगिकी चोरी के आरोप लगाए जाने के चलते और खराब हुए हैं।
अमेरिका के गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कपास, परिधान, कम्प्यूटर कलपुर्जे और केश उत्पाद जैसे उत्पादों के आयात को रोका जाता है। पांचवा उत्पाद जिस पर अमेरिका ने रोक लगाई है वह शिनजियांग प्रांत स्थित लोप काउंटी नंबर 4 व्यावसायिक कौशल शिक्षा एवं प्रशिक्षण केंद्र के मजदूरों द्वारा तैयार सभी उत्पाद शामिल हैं। बयान के मुताबिक यह सभी उत्पाद चीन के शिनजियांग उईघर स्वायत्त क्षेत्र में चीनी सरकार के जोर जबरदस्ती काम कराकर तैयार कराए गए हैं।
चीन की सरकार इस क्षेत्र में लंबे समय से उईघर, अन्य नस्ल और धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ व्यवस्थित मानवाधिकार उल्लंघन में लगी हुई है। इससे पहले अमेरिका के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग ने इस आयात रोक को बनाए रखने के लिए पांच विथहोल्ड रिलीज ऑर्डर जारी किए थे। यह ऑर्डर अमेरिका में बंधुआ मजदूरी से उत्पादित सामानों के आयात पर रोक लगाते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा कि ट्रंप सरकार ने शिनजियांग प्रांत में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन की ओर विश्व समुदाय का ध्यान खींचा है। इस कदम का समर्थन करने के लिए यह कार्रवाई की गई है।