नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया कि वह Visa शुल्क में बढ़ोतरी के बारे में उसकी चिंताओं पर विचार करेगा। इससे पहले भारत ने सामाजिक सुरक्षा समझौते और वीजा शुल्क बढ़ोतरी के मुद्दों का उचित व भेदभावरहित समाधान ढूंढने की अमेरिका से मांग की थी। अमेरिका ने हालांकि यह भी कहा है कि वीजा शुल्क में बढ़ोतरी भारतीय पेशेवरों को लक्षित नहीं है और यह व्यापक नीतिगत बदलाव का हिस्सा है।
भारत-अमेरिका रणनीतिक व वाणिज्यिक संवाद के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि उन्होंने एच1बी और एल1 वीजा के शुल्क में हाल ही की बढ़ोतरी तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अंशदान (टोटलाइजेशन) संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए विदेश मंत्री जॉन कैरी का समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों ने हमारी जनता की आवाजाही को प्रभावित किया है। यह आवाजाही हमारे रिश्तों की ताकत का महत्वपूर्ण स्रोत है। अमेरिका की वाणिज्य मंत्री पेन्नी प्रिट्जकर ने वीजा संबंधी सवाल पर कहा कि भारतीय प्रमुख लाभान्वितों में से एक है क्योंकि पिछले साल लगभग 69 फीसदी यूएस एच1बी वीजा व 30 फीसदी एल1 वीजा उन्हें जारी किए गए। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कैरी, स्वराज व वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थीं।
उन्होंने कहा, एच1बी व एल1 वीजा आवेदनों में जो भी बदलाव किए गए हैं। वे भारतीय नागरिकों को लक्षित या केवल उन तक सीमित नहीं हैं। ये व्यापक बदलाव हैं। उन्होंने कहा, भारतीय उद्योग की चिंताओं को देखते हुए मैंने मंत्री (निर्मला) सीतारमण से इस पर विचार करने तथा उन्हें सूचित करने की प्रतिबद्धता जताई है। सीतारमण ने कहा कि वीजा का मुद्दा भारत-अमेरिका रणनीतिक व वाणिज्यिक संवाद तथा सीईओ मंच की बैठक में उठा। उन्होंने कहा, मंत्री प्रिट्जकर खुद आगे आईं और उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ कुछ समय बिताया और उसके बाद कहा कि वे इस मुद्दे पर निश्चित तौर पर विचार करेंगी। निर्मला ने कहा कि प्रिट्जकर ने वीजा मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, हमने इस (वीजा मुद्दे) को उठाया था। हमने अपनी चिंताएं रखीं और इससे उद्योग को हुए नुकसान के बारे में बताया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां दूसरे रणनीतिक व वाणिज्यिक संवाद (एसएंडसीडी) के पूर्ण सत्र में यह बात कही। उन्होंने कहा, एच1बी तथा एल1 वीजा के शुल्क में हाल ही की बढ़ोतरी तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अंशदान (टोटलाइजेशन) संबंधी मुद्दे ने हमारी जनता की आवाजाही को प्रभावित किया है। यह आवाजाही हमारे रिश्तों की ताकत का महत्वपूर्ण स्रोत है। उन्होंने कहा, मैं आपसे आग्रह करती हूं कि इन मुद्दों के उचित व भेदभाव रहित समाधान ढूंढें जाएं। वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ भागीदारों ने उन कदमों को लेकर चिंता व्यक्त की है जो कि तटस्थ लोगों व पेशेवरों की आवाजाही में संभावित बाधा बन सकते हैं।