वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका व्यापार व आर्थिक मोर्चे पर विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए आधिकारिक स्तर की विस्तृत बातचीत करने पर राजी हो गए हैं। यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने का आरोप लगाया था। भारत के वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु की अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस और अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर के साथ कई बैठकों के दौरान इस संबंध में निर्णय किया गया है।
कल अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा की समाप्ति पर प्रभु ने कहा कि अब हम द्विपक्षीय व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए एकसाथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार संबंधों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए व्यापक चर्चा शुरू करने और संबंधित विवरणों पर काम करने के लिए भारत एक आधिकारिक टीम भेजेगा। यह टीम अगले कुछ सप्ताह में आएगी।
उन्होंने माना कि दोनों पक्षों के बीच व्यापार और शुल्क से जुड़ी कुछ समस्याए हैं और अधिकारी उन सब मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने गए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा के क्यूबेक सिटी में भारत समेत दुनिया भर की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं पर निशाना साधा था और भारत पर कुछ अमेरिकी उत्पादों पर 100 प्रतिशत का शुल्क लगाने का आरोप लगाया था।
अमेरिका में भारत के राजूदत नवतेज सिंह सरना ने कहा कि भारत ने इस्पात और एल्युमीनियम शुल्क पर अमेरिका को चिट्ठी लिखी है। प्रभु ने रॉस और लाइटहाइजर के अलावा कृषि मंत्री सोनी पर्डयू के साथ भी वार्ता की। उन्होंने दो शक्तिशाली सांसदों जॉन कॉर्नन और मार्क वॉर्नर से भी मुलाकात की।
भारतीय दूतावास ने बैठकों के बारे में कहा कि बैठकें दोस्ताना और सौहार्द्रपूर्ण माहौल में हुईं। साथ ही इसमें एक-दूसरे के विचारों को सराहा गया। वार्ता दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक और द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित थी। इसमें दोनों पक्षों की चिंताओं को दूर करने के लिए तरीके खोजने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें कहा गया है, "इस संदर्भ में, दोनों देशो के वरिष्ठ अधिकारी शीघ्र ही मुलाकात करेंगे। इसमें दोनों पक्षों के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और विचार-विमर्श का सकारात्मक और रचनात्मक परिणाम निकलेगा।"
अपने दौरे में सुरेश प्रभु ने भारत-अमेरिका व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) और भारत-अमेरिका सामरिक भागीदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित बैठकों में व्यापार और उद्योग जगत के प्रमुख व्यक्तियों को संबोधित किया और अन्य भागीदारों के साथ भी बैठक की।